मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने रविवार को 134वें मणिपुर पुलिस स्थापना दिवस पर पुलिस बल की वीरता, अनुशासन और निस्वार्थ सेवा की सराहना की. यह समारोह इंफाल स्थित 1st बटालियन मणिपुर राइफल्स परेड ग्राउंड में आयोजित हुआ, जहां राज्यपाल ने पुलिस को कानून व्यवस्था की रीढ़ और न्याय की रक्षा के स्तंभ बताया.
राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि शांति केवल संघर्ष का अभाव नहीं, बल्कि न्याय की उपस्थिति है. उन्होंने समाज के सभी वर्गों से आह्वान किया कि वे स्थायी सद्भाव और सामूहिक पुनर्निर्माण के लिए एकजुट होकर कार्य करें, ताकि मणिपुर की सामाजिक बुनावट फिर से विश्वास और एकता के ताने-बाने में गुंथी हुई दिखे.
राज्यपाल भल्ला ने परेड की सलामी ली, जिसका नेतृत्व डॉ. सरंगथेम इबोमचा सिंह (MPS), कमांडेंट 6th इंडिया रिजर्व बटालियन ने किया. इस मौके पर मणिपुर राइफल्स, इंडिया रिज़र्व बटालियन्स, सिविल पुलिस (पुरुष एवं महिला), 9वीं IR (महिला) बटालियन, ट्रैफिक पुलिस, होम गार्ड्स और विलेज डिफेंस फोर्स (VDF) की टुकड़ियों ने भाग लिया.
उन्होंने पुलिस की हालिया उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ सफल अभियानों, अवैध अफीम खेती के विनाश और पुलिस आधुनिकीकरण की पहल ने मणिपुर पुलिस को एक नए युग की दिशा में अग्रसर किया है. राज्यपाल ने आश्वस्त किया कि सरकार पुलिस बल को आधुनिक उपकरणों, प्रशिक्षण और कल्याण योजनाओं से सशक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है.
राज्यपाल ने एडिशनल एसपी साइखोम मीराबाई चानू और नाओरेम रोशिबिना देवी को खेलों में अंतरराष्ट्रीय उपलब्धियों के लिए बधाई दी, जिन्होंने मणिपुर और राज्य पुलिस का नाम रोशन किया.
इस अवसर पर कांगपोकपी पुलिस स्टेशन को 2025 का सर्वश्रेष्ठ पुलिस थाना घोषित किया गया, जबकि सिटी पुलिस स्टेशन (इंफाल वेस्ट) और बिष्णुपुर थाना को क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान मिला. इंस्पेक्टर गुनाचंद्र चानम (इंफाल वेस्ट) को वर्ष के सर्वश्रेष्ठ पुलिस अधिकारी का सम्मान मिला.
अपने संबोधन में पुलिस महानिदेशक (DGP) राजीव सिंह ने कहा कि बीते दो वर्षों में राज्य पुलिस ने कठिन चुनौतियों का सामना किया, परंतु “बल ने परिस्थिति के हर मोड़ पर दृढ़ता से खड़ा रहकर उत्कृष्टता दिखाई.” उन्होंने बताया कि अब तक 1,078 हथियारों की बरामदगी और सरेंडर हो चुका है, जिससे यह संकेत मिलता है कि “स्थिति अब सही दिशा में अग्रसर है.”
उन्होंने कहा, “हम हर नागरिक को सुरक्षा देना अपना कर्तव्य मानते हैं. शांति और सामान्य स्थिति अब दूर नहीं—बस समाज के सभी वर्गों का सहयोग जरूरी है.”
डीजीपी ने वसूली (extortion) को गंभीर चिंता का विषय बताते हुए बताया कि अब तक 1,035 उग्रवादियों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें अधिकांश जबरन वसूली से जुड़े थे. एंटी-एक्सटॉर्शन सेल लगातार काम कर रही है ताकि ऐसी अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सके.
उन्होंने साइबर अपराधों को उभरते खतरे के रूप में चिन्हित किया और कहा कि विभाग आधुनिक तकनीक अपनाकर इसे रोकने की दिशा में कार्य कर रहा है. उन्होंने जनता से आग्रह किया कि वे पुलिस के साथ सहयोग करें ताकि डिजिटल और सामाजिक दोनों मोर्चों पर सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
डीजीपी ने कहा कि पुलिस विभाग न केवल शांति बहाली और लूटे गए हथियारों की बरामदगी पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, बल्कि आंतरिक जवाबदेही को भी सुदृढ़ बना रहा है ताकि हर कर्मी अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह निष्ठापूर्वक करे.
कार्यक्रम में कई विधायक, मुख्य सचिव डॉ. पुनीत कुमार गोयल, सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह, वरिष्ठ अधिकारी और पुलिस कर्मी उपस्थित रहे. समारोह के अंत में मणिपुर पुलिस स्पोर्ट्स क्लब ने शानदार स्किल शो प्रस्तुत किया, जिसमें पुलिस बल की व्यवसायिक दक्षता, साहस और अनुशासन की अद्भुत झलक दिखाई दी.
बेबी शिरीन