अमेरिका में आयोजित क्वाड (Quad) समूह के विदेश मंत्रियों की बैठक में डॉ. एस जयशंकर ने आतंकवाद, क्षेत्रीय सुरक्षा और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्वतंत्रता को लेकर कड़ा और स्पष्ट संदेश दिया. अपने शुरुआती संबोधन में जयशंकर ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को दोहराते हुए कहा कि दुनिया को जीरो टॉलरेंस की नीति अपनानी चाहिए और पीड़ितों तथा अपराधियों के बीच कभी समानता नहीं की जानी चाहिए.
जयशंकर ने हालिया घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि हम अपने लोगों की रक्षा का अधिकार रखते हैं. भारत को आतंकवाद के खिलाफ अपने नागरिकों की रक्षा करने का पूरा अधिकार है और हम इस अधिकार का प्रयोग करना जारी रखेंगे. हम अपने क्वाड साझेदारों से उम्मीद करते हैं कि वे इसे समझेंगे और इसकी सराहना करेंगे.
यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत हाल ही में जम्मू-कश्मीर और अन्य क्षेत्रों में आतंकवादी हमलों से जूझ रहा है. विदेश मंत्री के इस संदेश को भारत की आक्रामक और स्पष्ट विदेश नीति दृष्टिकोण के रूप में देखा जा रहा है, विशेषकर सुरक्षा के मामलों में.
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्वतंत्रता और विकास पर जोर
डॉ. जयशंकर ने क्वाड के उद्देश्यों को रेखांकित करते हुए कहा, “मैं इस वर्ष दूसरी बार वाशिंगटन डीसी आकर क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेते हुए बहुत प्रसन्न हूं. हम सभी हिंद-प्रशांत क्षेत्र को स्वतंत्र और खुला बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं. इस दिशा में हमारी कोशिशें नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बढ़ावा देने पर केंद्रित हैं. यह आवश्यक है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देशों को विकास और सुरक्षा के मामले में स्वतंत्र निर्णय लेने की पूर्ण स्वतंत्रता मिले.
भारत करेगा अगली क्वाड समिट की मेजबानी
जयशंकर ने इस मौके पर यह भी घोषणा की कि भारत अगली क्वाड शिखर बैठक (Quad Summit) की मेज़बानी करेगा. उन्होंने कहा, “हमारे पास कुछ प्रस्ताव हैं जो इस बैठक को अधिक उत्पादक बना सकते हैं. मुझे विश्वास है कि हमारे क्वाड साथी भी कुछ अच्छे विचार लेकर आए होंगे. हम उस पर चर्चा करेंगे और सहमति तक पहुंचेंगे.”
क्वाड: सहयोग, सुरक्षा और स्थिरता का मंच
बता दें कि क्वाड जिसमें भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं, का उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा, आर्थिक सहयोग, और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करना है. हाल के वर्षों में चीन के बढ़ते प्रभाव और वैश्विक अस्थिरता के बीच क्वाड की भूमिका और अहमियत और भी बढ़ गई है.
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