दो डोज में 3 से 6 महीने में नीचे चली जाती है इम्युनिटी... जानें Booster Dose पर क्या बोले एक्सपर्ट्स

ओमिक्रॉन से बचाव के लिए कोरोना वैक्सीन के बूस्टर डोज पर चर्चा चल रही है. नीति आयोग के स्वास्थ्य सदस्य वीके पॉल ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री ने संसद में कहा है कि बूस्टर डोज की जरूरत, समय और इसको बढ़ावा देने की प्रकृति वैज्ञानिक निर्णय, सोच पर आधारित होगी.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 22 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 3:54 PM IST
  • 3 से 6 महीने में नीचे चली जाती है इम्युनिटी
  • बूस्टर डोज पर क्या बोले एक्सपर्ट्स

कोरोना वायरस का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन इस समय देश और दुनिया के लिए नई चुनौती बन गया है. ऐसे में इससे बचाव के लिए कोरोना वैक्सीन के बूस्टर डोज पर चर्चा चल रही है. नीति आयोग के स्वास्थ्य सदस्य वीके पॉल ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री ने संसद में कहा है कि बूस्टर डोज की जरूरत, समय और इसको बढ़ावा देने की प्रकृति वैज्ञानिक निर्णय, सोच पर आधारित होगी.

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दो डोज में 3 से 6 महीने में नीचे चली जाती है इम्युनिटी

इधर, आईएलबीएस दिल्ली के निदेशक डॉ एस के सरीन ने कहा कि मेरी राय में बूस्टर डोज जरूरी है. जब आप किसी टीके की दो खुराकें लेते हैं तो आपका सुरक्षा स्तर, विशेष रूप से 3 से 6 महीने के बाद नीचे चला जाता है. यदि आपके पास तीसरी खुराक या बूस्टर डोज है तो गंभीर संक्रमण की या अस्पताल में भर्ती होने की संभावना कम हो जाती है.

गौरतलब है कि ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए इसी महीने 40 साल से ऊपर के सभी नागरिकों को कोरोना वैक्सीन के बूस्टर डोज की सिफारिश की गई थी. यह सिफारिश टॉप इंडियन जीनोम साइंटिस्ट की ओर से हुई है.

इम्यूनिटी से भी बचने में माहिर ओमिक्रॉन

ओमिक्रॉन अब तक 90 देशों में अपने पैर पसार चुका है. WHO भी इसे 'वैरिएंट ऑफ कंसर्न' की श्रेणी में डाल चुका है. ये वैरिएंट बहुत संक्रामक है और तेजी से फैलता है. ओमिक्रॉन स्ट्रेन के स्पाइक प्रोटीन में 30 से भी अधिक म्यूटेशन हैं, जो कि इसके पिछले किसी भी स्ट्रेन में नहीं थे. एक्सपर्ट्स का कहना है कि ओमिक्रॉन इम्यूनिटी से भी बचने में माहिर है और यही वजह है कि इतनी तेजी से फैल रहा है.

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