कहीं भी रहकर गृह क्षेत्र में वोट कर सकेंगे प्रवासी, डायनेमिक EVM से होगा क्रांतिकारी परिवर्तन

निर्वाचन आयोग के सूत्रों के मुताबिक, विशिष्ट ईवीएम में ऐसी डायनामिक सूची होगी, जिसके ज़रिए कोई भी मतदाता अपने गृह राज्य, गृह की विधान सभा को खोज कर अपनी पसंद के उम्मीदवार को वोट कर सकेगा.

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चुनाव आयोग (फाइल फोटो) चुनाव आयोग (फाइल फोटो)

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 22 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 2:49 PM IST

नए जमाने की नई ईवीएम! जल्दी ही ये कल्पना सच हो सकती है कि कोई भी भारतीय देश के किसी भी हिस्से में प्रवास करते हुए अपने गृह क्षेत्र के चुनाव में अपनी पसंद के उम्मीदवार को वोट कर सकेगा. निर्वाचन आयोग ने इस बाबत चर्चा चल रही है कि ईवीएम को कैसे इसके लिए सक्षम बनाया जाय.

निर्वाचन आयोग के सूत्रों के मुताबिक, विशिष्ट ईवीएम में ऐसी डायनामिक सूची होगी, जिसके ज़रिए कोई भी मतदाता अपने गृह राज्य, गृह की विधान सभा को खोज कर अपनी पसंद के उम्मीदवार को वोट कर सकेगा. आयोग में फिलहाल इस महत्वाकांक्षी परियोजना के अन्य तकनीकी, व्यावहारिक और कानूनी पहलुओं पर गहन मंथन चल रहा है.
 
मौजूदा समय में किसी भी ईवीएम के बैलेट यूनिट में सिर्फ उसी इलाके और चुनाव के उम्मीदवारों की सूची रहती है, जहां उसका इस्तेमाल हो रहा है, लेकिन डायनेमिक ईवीएम में डाटा सेव करने की जबरदस्त क्षमता होगी. इतनी कि दिल्ली में बैठा प्रवासी मतदाता बिहार के मधेपुरा, केरल के पलक्कड़ या फिर उत्तराखंड के केदारनाथ में अपने गृह क्षेत्र की लोकसभा या विधानसभा सीट को सर्च कर अपनी पसंद के उम्मीदवार को वोट दे सकता है.

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बस वहां की मतदाता सूची में नाम दर्ज होना चाहिए और उसी अनुरूप वोटर आईडी कार्ड भी ज़रूरी है. मौजूदा दौर में कोई प्रवासी या तो वोट देने अपने गृह क्षेत्र में जाए या फिर दिल्ली में अपना मतदाता पहचान पत्र बनवा कर यहीं के चुनाव में प्रतिनिधि चुने.

अब निर्वाचन आयोग में चल रहे मंथन के मुताबिक, कोई दस हज़ार ऐसी डायनेमिक ईवीएम से ये क्रांतिकारी परिवर्तन किया जा सकता है, क्योंकि हरेक जिले में अगर ऐसी पांच छह मशीनें दूरदराज और शहरी इलाकों में तैनात करा दी जाएं और बड़े शहरों में उसी अनुपात में इनकी तादाद बढ़ा दी जाए. महानगरों में जहां प्रवासियों की संख्या बहुत ज़्यादा रहती है, वहां भी इनकी बड़ी संख्या में तैनाती करने से मकसद हल हो सकता है.

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अगर सब कुछ योजनाबद्ध तरीके से सुचारू और अनुकूल रहा साथ ही आशानुरूप नतीजे आए तो कोई आश्चर्य नहीं कि 2024 के लोकसभा चुनाव में इस तकनीक से क्रांतिकारी बदलाव देश के लोकतान्त्रिक इतिहास में नई इबारत लिखा जाएगा. मतदाता देश में कहीं भी रहता हुआ अपने गृह क्षेत्र में मतदान करेगा.  

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इस प्रोजेक्ट पर पिछले नौ महीने से जबरदस्त काम चल रहा है. अप्रैल में आयोग ने तकनीकी विशेषज्ञता के दिग्गज और सेंटर फॉर डवलपमेंट ऑफ़ एडवांस कम्प्यूटिंग के महानिदेशक रजत मूना, आईआईटी  मद्रास, दिल्ली और बॉम्बे के विशेषज्ञों की सात सदस्यीय टीम रिमोट वोटिंग फ्रेमवर्क पर लगातार अनुसंधान में जुटी है.

अगले साल की शुरुआत इसके प्रोटोटाइप प्रदर्शन से हो सकती है. यानी 2021 कई सुखद, क्रांतिकारी और सुकून देने वाली चीजें लाएगा. यानी अगले साल सिर्फ कोरोना वायरस संक्रमण को बेअसर करने वाली वैक्सीन ही नहीं बल्कि और भी बहुत कुछ चमत्कारी ख़बरें आने वाली हैं.
 

 

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