105 किमी साइकिल चलाने वाले पिता के मुरीद हुए आनंद महिंद्रा, कराएंगे बेटे की पढ़ाई

आनंद महिंद्रा ने ट्वीट में लिखा, इस पिता को सलाम जो अपने बच्चे के लिए सुनहरे भविष्य का सपना देखते हैं. ऐसे ही सपने देश को आगे बढ़ाते हैं. हमारी संस्था आशीष की आगे की पढ़ाई का खर्च उठाएगी. आनंद महिंद्रा ने पत्रकारों से गुजारिश की है कि वे इस परिवार से संपर्क करें.

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आशीष के साथ उनके पिता आशीष के साथ उनके पिता

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 23 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 2:06 PM IST
  • आशीष की पढ़ाई का खर्च उठाएंगे महिंद्रा
  • महिंद्रा ने खुद ट्वीट कर दी जानकारी
  • पिता के जज्बे को किया सलाम

दिग्गज कारोबारी आनंद महिंद्रा मध्य प्रदेश के उस व्यक्ति की मदद के लिए आगे आए हैं जिसने अपने बेटे को परीक्षा दिलाने के लिए 105 किलोमीटर साइकिल चलाई. यह मामला मध्य प्रदेश के धार जिले का है जहां एक पिता ने अपने बेटे को परीक्षा दिलाने के लिए 105 किलोमीटर दूर साइकिल चलाई और उसे परीक्षा केंद्र पहुंचाया. 

धार के इस व्यक्ति कि तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी. कई लोगों ने इनके जज्बे को सलाम किया और तारीफ की. इस बीच आनंद महिंद्रा भी आगे आए हैं और उन्होंने फैसला किया कि धार के इस बेटे की पढ़ाई का खर्च वे उठाएंगे. आनंद महिंद्रा ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. आनंद महिंद्रा के इस कदम की लोग खूब तारीफ कर रहे हैं.

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आनंद महिंद्रा ने ट्वीट में लिखा, इस पिता को सलाम जो अपने बच्चे के लिए सुनहरे भविष्य का सपना देखते हैं. ऐसे ही सपने देश को आगे बढ़ाते हैं. हमारी संस्था आशीष की आगे की पढ़ाई का खर्च उठाएगी. आनंद महिंद्रा ने पत्रकारों से गुजारिश की है कि वे इस परिवार से संपर्क करें.

 

दरअसल, धार जिले के गांव बयडीपुरा के रहने वाले शोभाराम के बेटे आशीष की कक्षा 10 में पूरक आ गई थी और पूरक परीक्षा का सेंटर पूरे जिले में केवल धार ही बनाया गया है. कोरोना संक्रमण के चलते बसें अभी नहीं चल रही हैं जिसके चलते उनको धार पहुंचने के लिए कोई साधन नहीं मिल रहा था और न ही गरीबी में वह किसी तरह के साधन का प्रबंध कर सकते थे. आशीष को परीक्षा दिलाना जरूरी था, इसलिए वे बेटे को साइकिल पर बिठाकर 105 किलोमीटर दूर परीक्षा सेंटर तक ले गए.

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आशीष और उनके पिता अपने साथ दो दिन के खाने-पीने का सामान भी ले आए. रात में उन्होंने मनावर में विश्राम किया और अगले दिन सुबह धार पहुंच गए. धार में आशीष ने भोज कन्या विद्यालय में परीक्षा दी. आशीष के पिता शोभाराम का कहना है कि पैसे और कोई साधन नहीं होने के कारण साइकिल से ही परीक्षा दिलवाने आना पड़ा. अब आनंद महिंद्रा ने आशीष की पूरी पढ़ाई का खर्च उठाने का जिम्मा लिया है. 

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