दिल्ली हाई कोर्ट ने IRS अधिकारी समीर वानखेड़े के प्रमोशन मामले में सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार पर तथ्य छिपाने के लिए 20,000 रुपये का जुर्माना लगाया है. अदालत ने कहा कि केंद्र सरकार ने अपने पक्ष में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां छिपाईं, जिससे न्यायिक प्रक्रिया प्रभावित हो सकती थी.
अदालत ने बरकरार रखा CAT का आदेश
हाई कोर्ट ने इस मामले में केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) की ओर से पारित आदेश को बरकरार रखा है. CAT ने पहले ही समीर वानखेड़े के खिलाफ चल रही सभी विभागीय कार्रवाई पर रोक लगा दी थी, जिसके बाद वानखेड़े को प्रमोशन से जुड़ी राहत मिली थी.
कोर्ट ने लगाया 20 हजार रुपये का जुर्माना
इस आदेश के खिलाफ केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी. याचिका पर सुनवाई के दौरान वानखेड़े के वकील ने अदालत को बताया कि केंद्र सरकार ने अपनी अपील में यह तथ्य छिपा लिया कि CAT ने वानखेड़े के खिलाफ सभी विभागीय कार्यवाहियों पर रोक लगाई थी.
अदालत ने पाया कि सरकार की ओर से यह जानकारी न देना गंभीर चूक है. इसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया और केंद्र को 20,000 रुपये का जुर्माना अदा करने का आदेश दिया.
संजय शर्मा