देश भर के विभिन्न शिक्षण संस्थानों के 850 से अधिक फैक्ल्टी सदस्यों ने केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों का समर्थन किया है. इन फैकल्टी सदस्यों ने कानूनों के समर्थन में हस्ताक्षर अभियान चलाया है. एक खुले पत्र में, इन लोगों ने कहा है कि वे किसानों को सरकार के आश्वासन पर दृढ़ता से विश्वास करते हैं कि उनकी आजीविका की रक्षा की जाएगी. आगे कहा कि नए कानून कृषि व्यापार को सभी प्रतिबंधों से मुक्त करेंगे और किसानों को प्रतिस्पर्धी कीमतों पर सभी लेनदेन करने में सक्षम बनाएंगे.
प्रदर्शनकारी किसानों के साथ अगले दौर की बातचीत को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बेहतर नतीजा निकलने की उम्मीद जताई है. उन्होंने शुक्रवार को कहा कि सरकार 4 जनवरी को किसान संगठनों के साथ होने वाली बैठक में "सकारात्मक नतीजे" की उम्मीद कर रही है. लेकिन वह यह कहने से बचते नजर आए कि सातवें दौर की वार्ता अंतिम होगी. इस सवाल पर उन्होंने कहा कि वह ज्योतिषी नहीं हैं.
राजस्थान के प्रसिद्ध किसान नेताओं में से एक रामपाल जाट बीमार पड़ गए हैं. उन्हें जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वह अलवर जिले के शाहजहांपुर में किसानों के आंदोलन में खुले आसमान के नीचे प्रदर्शन कर रहे थे. सर्दी के चलते वह बीमार पड़ गए हैं.
स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव ने कहा कि सरकार के साथ वार्ता का अगला दौर 4 जनवरी, 2021 को होना है. यदि हमारी मांगें नहीं मानी जाती हैं, तो हम शाहजहाँपुर सीमा से 6 जनवरी को कुंडली-मानेसर-पलवल को मार्च करेंगे. उन्होंने कहा कि 50 प्रतिशत मुद्दों को हल करने के दावे झूठे हैं. हमारी दो मुख्य मांगें हैं - तीन कृषि कानून को रद्द किया जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गारंटी के लिए कानूनी अभी भी लंबित है.
गाजीपुर बॉर्डर पर तबीयत खराब होने की वजह से एक किसान की मौत हो गई. किसान का नाम गलतान सिंह तोमर बताया जा रहा है.गलतान सिंह तोमर बागपत जिले के मोजिदबाद गांव के रहने वाले थे. उनकी उम्र 65 से 70 के बीच थी. शुरुआती जांच के मुताबिक ठंड के चलते उनकी मौत हुई है. वह पहले दिन से ही आंदोलन से जुड़े हुए थे.
4 जनवरी को सरकार से होने वाली बातचीत से पहले 80 किसान संगठनों के नेता आगे की रणनीति को लेकर मंथन कर रहे हैं. इस बैठक के दौरान सरकार से बातचीत के प्रस्ताव और आंदोलन को लेकर रणनीति बनाई जा रही है. इससे पहले किसान और सरकार के बीच सातवें दौर की बातचीत में पूरा समाधान तो नहीं निकला लेकिन विवाद के दो मुद्दों पर सहमति बन गई.
कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन आज 37वें दिन भी जारी है. किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के सुखविंदर सिंह सभरा ने बताया कि तीन कृषि कानून रद्द होने चाहिए, अगर 4 जनवरी को इसका कोई हल नहीं निकलता तो आने वाले दिनों में संघर्ष तेज़ होगा.
किसानों के प्रदर्शन के कारण चिल्ला और गाजीपुर बॉर्डर को बंद कर दिया गया है. इन दोनों रास्ते से दिल्ली से नोएडा और गाजियाबाद की ओर लोग आते-जाते हैं. फिलहाल, हाइवे पूरी तरह से बंद है और लोगों से डीएनडी रूट लेने की सलाह दी जा रही है.
आज किसान आंदोलन का 37वां दिन है. सिंघु बॉर्डर पर आज 80 किसान संगठनों की 2 बजे बैठक है. इससे पहले किसान और सरकार के बीच सातवें दौर की बातचीत में पूरा समाधान तो नहीं निकला लेकिन विवाद के दो मुद्दों पर सहमति बन गई. चार जनवरी को आठवें दौर की बैठक तय की गई है. इस बैठक से पहले किसान आगे की रणनीति बनाएंगे.