सांस की बीमारी से जूझ रहे सीताराम येचुरी की हालत नाजुक, AIIMS के ICU में भर्ती

सीताराम येचुरी की हालत नाजुक बनी हुई है. CPIM ने एक बयान जारी कर कहा,'येचुरी अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई (ICU) में भर्ती हैं. उनका तीव्र श्वसन पथ संक्रमण का इलाज हो रहा है. उन्हें श्वसन सहायता पर रखा गया है. डॉक्टरों की एक मल्टी-डिसिप्लिनरी टीम उनकी स्थिति पर बारीक नजर रख रही है.

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Sitaram Yechury (File Photo) Sitaram Yechury (File Photo)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 10 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 3:11 PM IST

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी की हालत नाजुक बनी हुई है. उन्हें दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में रेस्पिरेटरी सपोर्ट पर रखा गया है. बता दें कि इस सिस्टम पर किसी को तब रखा जाता है, जब उसे सांस लेने में तकलीफ होती है. येचुरी को पिछले महीने दिल्ली AIIMS में भर्ती कराया गया था.

येचुरी की पार्टी CPIM ने एक बयान जारी कर कहा,'येचुरी अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई (ICU) में भर्ती हैं. उनका तीव्र श्वसन पथ संक्रमण का इलाज हो रहा है. उन्हें श्वसन सहायता पर रखा गया है. डॉक्टरों की एक मल्टी-डिसिप्लिनरी  टीम उनकी स्थिति पर बारीक नजर रख रही है.'

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हाल ही में हुई थी सर्जरी

दरअसल, येचुरी को 19 अगस्त को तेज बुखार की शिकायत के बाद AIIMS के आपातकालीन विभाग में भर्ती कराया गया था. समाचार एजेंसी ने एक सूत्र के हवाले से बताया कि उन्हें निमोनिया के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था और कोई गंभीर बात नहीं थी. सीपीआई (एम) नेता की हाल ही में मोतियाबिंद की सर्जरी हुई थी.

बंगाल से सांसद भी रहे

बता दें कि सीताराम येचुरी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (CPI-M) के महासचिव हैं. वह 1992 से सीपीआई (एम) के पोलित ब्यूरो के सदस्य भी हैं. इससे पहले, वे 2005 से 2017 तक पश्चिम बंगाल से राज्यसभा के सांसद रहे थे. येचुरी 1974 में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) में शामिल हुए थे और एक साल बाद, वे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) में शामिल हो गए.

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काकीनाडा के हैं निवासी

सीताराम येचुरी का जन्म 12 अगस्त 1952 को चेन्नई में एक तमिल परिवार में हुआ था. उनके पिता सर्वेश्वर सोमयाजुला येचुरी और मां कल्पकम येचुरी आंध्र प्रदेश के काकीनाडा के मूल निवासी हैं. उनके पिता आंध्र प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में इंजीनियर थे. उनकी मां एक सरकारी अधिकारी थीं.

JNU से PHD रह गई थी अधूरी

वे हैदराबाद में पले-बढ़े और दसवीं कक्षा तक हैदराबाद के ऑल सेंट्स हाई स्कूल में पढ़ाई की. 1969 के तेलंगाना आंदोलन के दौरान वे दिल्ली ला दिया. उन्होंने प्रेसिडेंट्स एस्टेट स्कूल, नई दिल्ली में दाखिला लिया और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड उच्चतर माध्यमिक परीक्षा में अखिल भारतीय स्तर पर पहले स्थान पर रहे. इसके बाद, उन्होंने सेंट स्टीफंस कॉलेज, दिल्ली से अर्थशास्त्र में बी.ए. (ऑनर्स) की पढ़ाई की. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से अर्थशास्त्र में एम.ए. किया, दोनों में प्रथम श्रेणी हासिल की. ​​उन्होंने अर्थशास्त्र में पीएचडी करने के लिए जेएनयू में दाखिला लिया, जिसे आपातकाल के दौरान उनकी गिरफ्तारी के साथ रद्द कर दिया गया.

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