कोरोना वायरस के खिलाफ देश में तेज गति से टीकाकरण चल रहा है. को-विन प्लेटफॉर्म की मदद से अब तक करोड़ों लोगों को टीका लगाया जा चुका है. इस बीच, को-विन प्लेटफॉर्म ग्लोबल हो गया है.
दरअसल, नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के चीफ और को-विन पोर्टल के प्रमुख आरएस शर्मा ने बताया है कि 50 देशों ने इस प्लेटफॉर्म की तकनीक अपनाने को लेकर दिलचस्पी जताई है.
आरएस शर्मा ने ट्वीट कर जानकारी दी, ''को-विन लोकप्रिय हो गया है. सेंट्रल एशिया, लेटिन अमेरिका और अफ्रीका के 50 से ज्यादा देशों ने इस तकनीक में दिलचस्पी जताई है. प्रधानमंत्री कार्यालय ने हमें किसी भी इच्छुक देश के लिए मुफ्त में को-विन का ओपन-सोर्स वर्जन बनाने के निर्देश दिए हैं.''
शर्मा ने यह भी घोषणा की कि भारत दुनिया भर के देशों को डिजिटल पब्लिक गुड के रूप में को-विन प्लेटफॉर्म की पेशकश कर रहा है. इसे 5 जुलाई को दोपहर 3 बजे कोविन ग्लोबल कॉन्क्लेव में दिखाया जाएगा. सूत्रों ने बताया कि जिन देशों ने को-विन की तकनीक अपनाने में दिलचस्पी जताई है, उनमें वियतनाम, पेरू, मेक्सिको, इराक, डोमिनिकन रिपब्लिक, पनामा, यूक्रेन, नाइजीरिया, उगांडा जैसे देश शामिल हैं. इन देशों ने अपने यहां चल रहे कोविड टीकाकरण को लेकर को-विन प्लेटफॉर्म पर दिलचस्पी जताई है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने पिछले हफ्ते आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था, ''आपको याद होगा कि हाल ही में जी -7 बैठक में प्रधानमंत्री ने कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और वैक्सीन प्रबंधन में ओपन सोर्स डिजिटल टूल के सफल इस्तेमाल में भारत के अनुभव और विशेषज्ञता को साझा करने की पेशकश की थी.
इसके बाद नेशनल हेल्थ अथॉरिटी ने स्वदेशी रूप से विकसित को-विन की जानकारी साझा करने के लिए दुनिया भर के भागीदार देशों के साथ एक कार्यक्रम आयोजित करने का प्रस्ताव रखा है.''
बता दें कि कोविड महामारी में टीकाकरण काफी अहम साबित हो रहा है. इसके लिए सरकार ने को-विन प्लेटफॉर्म बनाया है, जिसके जरिए से वैक्सीन बुक करवा सकते हैं. जब से को-विन की शुरुआत हुई है, तब से करोड़ों लोग इस पर बुकिंग करवा चुके हैं.
मिलन शर्मा