कोरोना: 12 से 14 साल के बच्चों को लग रही CorBeVax वैक्सीन, डॉक्टर ने बताया किन बातों का रखना होगा ख्याल

कोरोना के खिलाफ बच्चों के टीकाकरण पर पूरा जोर दिया गया है. अब 12 से 14 साल के बच्चों का कोरोना टीकाकरण भी शुरू कर दिया गया है. इन बच्चों को CorBeVax वैक्सीन लगाई जा रही है.

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12 से 14 साल के बच्चों को लग रही CorBeVax वैक्सीन 12 से 14 साल के बच्चों को लग रही CorBeVax वैक्सीन

अमित भारद्वाज

  • नई दिल्ली,
  • 16 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 7:22 PM IST
  • 28 दिन के अंतराल में लगेगी वैक्सीन की दो खुराक
  • खाली पेट वैक्सीन लगवाएं, पेनकिलर ना लें

देश में अब 12 से 14 साल के बच्चों का कोरोना टीकाकरण भी शुरू कर दिया गया है. इस उम्र के सभी बच्चों को CorBeVax वैक्सीन लगाई जा रही है. आजतक ने LNJP’s CorBeVax Vaccine Centre for Children में काम कर रहे डॉक्टर सुरेश कुमार से खास बातचीत की है. उस बातचीत में डॉक्टर ने बताया है कि वैक्सीन से पहले बच्चों को किन बातों का ध्यान रखना पड़ेगा.

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वे कहते हैं कि CorBeVax वैक्सीन की दो डोज लगाई जाएंगी. 28 दिनों के अंतराल में CorBeVax वैक्सीन की दोनों डोज दे दी जाएंगी. तीसरे ट्रायल के जो आंकड़े भी सामने आए हैं, वो ये साबित करते हैं कि ये वैक्सीन ज्यादा सुरक्षा देती है. डॉक्टर ने इस बात पर भी जोर दिया है कि वैक्सीन लेने से पहले बच्चे अपना पेट खाली रखें और किसी भी तरह की पेनकिलर ना लें.

जानकारी के लिए बता दें कि भारत में इस समय कोरोना की कुल तीन वैक्सीन तैयार कर ली गई हैं. CorBeVax वैक्सीन के जरिए 12 से 14 के बच्चों को टार्गेट किया जाएगा. इससे पहले कोवैक्सीन के जरिए 15 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों को टीका पहले ही लगा दिया गया है. अब CorBeVax के जरिए 4.7 करोड़ बच्चों का भी जल्द से जल्द टीकाकरण पूरा करना है.

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वैसे इस टीकाकरण की अहमियत अभी इसलिए भी ज्यादा हो गई है क्योंकि चीन और पश्चिमी यूरोप के देशों में एक बार फिर कोरोना ने पैर पसार लिया है. वहां पर रोज के रिकॉर्डतोड़ मामले दर्ज किए जा रहे हैं.चीन के कई इलाकों में तो लॉकडाउन लगा दिया गया है. ऐसे में तेज टीकाकरम के जरिए ही इस वायरस के खिलाफ जीतने पर जोर दिया जा रहा है.

एक्सपर्ट्स का ये भी मानना है कि भारत में जून के महीने में कोरोना की अगली लहर वाला अनुमान ज्यादा सटीक नहीं दिखता है. कहा गया है कि भारत में इन्फेक्शन, रीइन्फेक्शन वाला ट्रेंड ज्यादा देखने को मिला है. इसी वजह से तीसरी लहर के दौरान मामले जितनी तेजी से बढ़े थे, उतनी तेजी से घट भी गए थे.

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