पश्चिम बंगाल कोयला खनन घोटाले के मुख्य अभियुक्त अनूप माझी की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई सोमवार तक टाल दी है. इस मामले की सुनवाई के दौरान ECL की तरफ से वकील हरीश साल्वे ने कहा कि हमने इस मामले में विशेष अनुमति याचिका दायर की है.
यह अपील निचली अदालत और हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ है. जबकि याचिकाकर्ता अनूप माझी के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि हमने हाईकोर्ट की खंडपीठ के आदेश को चुनौती देते हुए याचिका दायर की है. हमने अपनी अर्जी में खंड पीठ के हस्तक्षेप पर सवाल उठाया है.
इस पर एसजी तुषार मेहता ने कहा कि उत्तर प्रदेश में हुई जांच में पाया गया है कि यह घोटाला कई राज्यों में हुआ जिसके चलते जांच सीबीआई को भेजी गई. ताकि इर्स्टन कोलफील्ड लिमिटेड (Eastern Coalfeald ltd) की याचिका पर भी साथ में सुनवाई की जा सके. इस पर माझी को जवाब दाखिल करने को कहा गया है.
सीबीआई को अधिकार नहींः बंगाल सरकार
इसी मामले में पश्चिम बंगाल सरकार ने हलफनामा दायर कर कहा है कि सीबीआई को तो राज्य के इस मामले की जांच का अधिकार ही नहीं है. राज्य सरकार ने किसी भी मामले की सीबीआई जांच के लिए अपनी मंजूरी दो साल पहले ही वापस ले ली थी, लेकिन सीबीआई अब तक जांच कर रही है.
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सीबीआई की ओर से दर्ज एफआईआर में मुख्य अभियुक्त कारोबारी अनूप माझी को सीबीआई के हाथों गिरफ्तारी या दंडात्मक कार्रवाई से बचाने का आदेश देने से इनकार कर दिया था.
दरअसल, सीबीआई की ओर से दर्ज मुकदमे में राज्य में कोयले के अवैध खनन और उसकी ढुलाई में कई गड़बड़िया मिली हैं. इसमें ईस्टर्न कोलफील्ड, पूर्व रेलवे, सीआईएसएफ और माझी सहित कई लोगों, कंपनियों और संस्थानों की साठगांठ पाई गई है.
सीबीआई ने इसकी पड़ताल कर, पिछले साल नवंबर में एफआईआर दर्ज की थी. इसी सिलसिले में सीबीआई, माझी से होती हुई ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा और उनकी बहन तक पहुंच गई. सीबीआई को जांच में इनके बैंक खाते में बड़ी और अघोषित रकम की जमा निकासी के दस्तावेज मिले हैं. राज्य में विधानसभा चुनाव भी सिर पर हैं और सत्तारूढ़ दल पर सीबीआई जांच और छापों का दाग भी लग रहा है.
संजय शर्मा