दिल्ली विधानसभा के मानसून सत्र में निर्माण मजदूरों की योजना से जुड़ी CAG रिपोर्ट सदन के पटल पर रखी गई. दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने विधानसभा में बोलते हुए पूर्ववर्ती आम आदमी पार्टी सरकार पर निर्माण मजदूरों के प्रति लापरवाही बरतने का गंभीर आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सरकार के पास धन और संसाधन होने के बावजूद नीयत की कमी के कारण मजदूरों के हित में काम नहीं हुआ.
उन्होंने कहा कि दिल्ली में वायु प्रदूषण को लेकर कंस्ट्रक्शन पर पाबंदी लागू रहने के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने तत्कालीन सरकार को निर्माण कार्यों से जुड़े 90 हजार श्रमिकों के खातों में 8,000 रुपये की सब्सिडी राशि जमा करने का आदेश दिया था ताकि उनकी रोजी रोटी चल सके. आम आदमी पार्टी की सरकार ने मजदूरों को सिर्फ 2,000 रुपये दिए गए और बाकी 6,000 रुपये का भुगतान नहीं किया.
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मजदूरों से रजिस्ट्रेशन फीस लेती थी AAP सरकार
सीएम रेखा गुप्ता ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने तत्कालीन सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा था कि इतना सेस (कर) इकट्ठा करने के बावजूद वह राशि कहां खर्च होती है, लेकिन सरकार जवाब नहीं दे सकी. उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती AAP सरकार ने एक भी महिला श्रमिक को लाभ नहीं पहुंचाया. दिल्ली की मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि पुरानी सरकार मजदूरों के रजिस्ट्रेशन और रिन्यूअल के लिए शुल्क वसूलती थी, जिसके कारण पंजीकृत मजदूरों की संख्या कम है.
रेखा गुप्ता ने कहा कि दुर्घटना में मृत्यु होने पर दी जाने वाली 2 लाख रुपये की सहायता राशि भी केवल पूर्ववर्ती सरकार के करीबी लोगों को दी गई, जबकि अन्य जरूरतमंद मजदूरों को इससे वंचित रखा गया. उन्होंने यह भी बताया कि स्किल ट्रेनिंग के क्षेत्र में आम आदमी पार्टी की सरकार का प्रदर्शन शून्य रहा. दिल्ली सरकार के लेबर अकाउंट में 5,200 करोड़ रुपये पड़े होने के बावजूद इसका उपयोग मजदूरों के कल्याण के लिए नहीं किया गया. सीएम ने निर्माण मजदूरों की योजना से जुड़ी CAG रिपोर्ट को विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता की मांग पर PAC (सार्वजनिक लेखा समिति) को भेजने की बात कही, ताकि इस पर कार्रवाई हो सके.
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कभी GST काउंसिल की बैठकों में नहीं गईं आतिशी
इसके साथ ही, सीएम रेखा गुप्ता ने GST और वैट कलेक्शन में वृद्धि का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी सरकार में अगस्त तक 15,535 करोड़ रुपये का कलेक्शन हुआ, जो पिछले साल की तुलना में 7% अधिक है. उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा लाए गए 45 संशोधनों को दिल्ली की जनता के हित में बताया, जिससे मुकदमेबाजी कम होगी और आर्थिक सुधार को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा कि ये सुधार दिल्ली की जनता के लिए सरलीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम हैं. सीएम ने पूर्ववर्ती सरकार की फाइनेंस मिनिस्टर आतिशी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह GST काउंसिल की बैठकों में एक बार भी शामिल नहीं हुईं, फिर भी वर्तमान सुधारों का श्रेय लेने की कोशिश कर रही हैं. उन्होंने दिल्ली की जनता के हित में किए गए इन सुधारों के लिए केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया.
सुशांत मेहरा