पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर चीन ने दुख जताया है. चीन ने कहा कि प्रणब मुखर्जी के जाने से भारत-चीन की दोस्ती को गहरा नुकसान हुआ है. हम उनके निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं. चीन ने कहा कि भारत सरकार और उनके परिवार के प्रति हम सहानुभूति जताते हैं.
चीन की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि प्रणब मुखर्जी ने भारत और चीन के रिश्तों के लिए एक सकारात्मक भूमिका निभाई. चीन के विदेश मंत्रालय के बयान में आगे कहा गया कि प्रणब मुखर्जी भारत के एक पूर्व राजनीतिज्ञ थे. उन्होंने अपने 50 साल के करियर में भारत-चीन के रिश्तों के लिए अपना सकारात्मक योगदान दिया. ये चीन-भारत रिश्तों के लिए और भारत के लिए एक बड़ा नुकसान है. हम उनके निधन पर शोक और अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं.
बता दें कि भारत रत्न और देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का 84 वर्ष की उम्र में सोमवार को निधन हो गया. वो लंबे समय से बीमार चल रहे थे. उन्होंने दिल्ली के आर्मी अस्पताल में अंतिम सांस ली.
पंचतत्व में विलीन हुए प्रणब मुखर्जी
भारत रत्न प्रणब मुखर्जी का आज अंतिम संस्कार कर दिया गया. राजकीय सम्मान के साथ लोधी श्मशान घाट पर वह पंचतत्व में विलीन हो गए. इससे पहले राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को प्रणब मुखर्जी को उनके आवास पर श्रद्धांजलि अर्पित की.
10 अगस्त को अस्पताल में हुए थे भर्ती
बता दें कि प्रणब मुखर्जी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. हाल ही में उनकी ब्रेन सर्जरी भी की गई थी. प्रणब मुखर्जी को खराब स्वास्थ्य के कारण 10 अगस्त को दिल्ली के RR अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनके मस्तिष्क में खून का थक्का जमने के बाद सर्जरी की गई थी, उसी वक्त उनके कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी मिली थी.
गीता मोहन