चंडीगढ़ नगर निगम (Chandigarh Municipal Corporation) चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनने के बावजूद आम आदमी पार्टी के लिए मेयर पद पर काबिज होना आसान नहीं है. इस पद के लिए बीजेपी भी मजबूत दावेदारी पेश करेगी. नगर निगम चुनाव के रोचक नतीजे सामने आने के बाद अब मेयर का चुनाव भी बेहद ही सस्पेंस भरा रह सकता है.
दरअसल, आम आदमी पार्टी भले ही इस चुनाव के नतीजों में 35 में से 14 सीटें लेकर सबसे बड़ी पार्टी बनी हो, लेकिन अभी भी दूसरे नंबर पर रही बीजेपी के पास मेयर चुनाव में जोर-शोर के साथ उतरने का मौका है.
तो होगा बड़ा उलटफेर
बीजेपी के पास दरअसल 12 पार्षद हैं और नियम के मुताबिक चंडीगढ़ लोकसभा सांसद का भी एक वोट मेयर चुनाव के दौरान मान्य होता है. यहां सांसद बीजेपी से हैं, तो ऐसे में बीजेपी के पास कुल 13 वोट हो गए हैं. फिल्म अभिनेत्री किरण खेर चंडीगढ़ का संसद में प्रतिनिधित्व करती हैं. ऐसे में अकाली दल के 1 वोट और कांग्रेस के 8 वोट में से क्रॉस वोटिंग अगर होती है, तो मेयर के पद के लिए बड़ा उलटफेर भी हो सकता है.
यह भी पढ़ें:- चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव: क्यों तीसरे नंबर पर रहने के बावजूद नतीजों से संतुष्ट रह सकती है कांग्रेस?
नियम के मुताबिक, अगर बीजेपी, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस तीनों ने ही अपना उम्मीदवार उतारा तो पहले ये देखा जाएगा कि कौन उम्मीदवार 19 वोट लेकर बहुमत साबित कर पाता है? और ऐसा न होने की स्थिति पर सबसे नीचे के पायदान पर आने वाला उम्मीदवार नियम के मुताबिक चुनाव से एलिमिनेट हो जाएगा और बाकी बचे दोनों उम्मीदवारों के बीच एक बार फिर से चुनाव होगा. ऐसे में नियम के अनुसार मेयर पद हासिल करने के लिए बहुमत का आंकड़ा यही होगा कि जीतने वाले को अपने विरोधी कैंडिडेट से सिर्फ 1 वोट ही ज्यादा हासिल करना है और अगर बीजेपी 2 वोट भी क्रॉस वोटिंग में हासिल कर लेती है, तो मेयर पद आम आदमी पार्टी की बजाए बीजेपी के हाथ लग जाएगा.
सतेंदर चौहान