चीन में निमोनिया के मामलों में बढ़ोतरी के बीच केंद्र ने राज्यों को अस्पतालों की तैयारियों की समीक्षा करने की सलाह दी है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने चीन की इस 'रहस्यमयी बीमारी' के बढ़ते मामलों के मद्देनजर श्वसन संबंधी बीमारियों की तैयारियों के उपायों की सक्रिय समीक्षा करने का निर्णय लिया है. राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को सार्वजनिक स्वास्थ्य और अस्पताल तैयारियों की तुरंत समीक्षा करने की सलाह दी गई.
नजर बनाए हुए है केंद्र
सभी राज्य/केंद्रशासित प्रदेश 'कोविड-19 के संदर्भ में संशोधित निगरानी रणनीति के परिचालन दिशानिर्देश' लागू करेंगे. श्वसन संबंधी बीमारी में वृद्धि मुख्य रूप से इन्फ्लूएंजा, माइकोप्लाज्मा निमोनिया, SARS-CoV-2 जैसे सामान्य कारणों से होती है. स्वास्थ्य मंत्रालय स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है. मंत्रालय ने कहा कि इसमें घबराने की कोई बात नहीं है.
चीन में बढ़े हैं एच9एन2 के मामले
वर्तमान में उपलब्ध जानकारी के आधार पर, पिछले कुछ हफ्तों में चीन में श्वसन रोगों की घटनाओं में बढ़ोतरी की सूचना है. बच्चों में सांस संबंधी बीमारी के सामान्य कारण ही सामने आए है और असामान्य रोगज़नक़ या किसी भी अप्रत्याशित नैदानिक कारकों की कोई पहचान नहीं हुई है.चीन में अक्टूबर 2023 में एच9एन2 (एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस) के मानव मामले की पृष्ठभूमि में देश में एवियन इन्फ्लूएंजा के मानव मामलों से बचने की तैयारी के उपायों पर चर्चा करने के लिए हाल ही में डीजीएचएस की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई थी.
संक्रमण के फैलने की संभावना कम
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा समग्र जोखिम मूल्यांकन से पता चलता है कि मानव से मानव में संक्रमण फैलने की संभावना कम है और डब्ल्यूएचओ को अब तक सूचित एच9एन2 के मानव मामलों में मृत्यु दर भी कम है. मानव, पशुपालन और वन्य जीव क्षेत्रों के बीच निगरानी को मजबूत करने और समन्वय में सुधार की जरूरत पर जोर दिया गया. स्वास्थ्य मंत्रालय साफ कर चुका है कि भारत किसी भी तरह की सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार है. भारत इस तरह के सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दों से निपटने की दिशा में एक समग्र और एकीकृत रोडमैप अपनाने के लिए एक स्वास्थ्य दृष्टिकोण शुरू कर रहा है.
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