LGBT कम्युनिटी के सामने क्या-क्या दिक्कतें? जांच के लिए केंद्र सरकार ने बनाई 6 सदस्यों की कमेटी

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर केंद्र सरकार ने एक समिति गठित करने का निर्णय लिया है. इस समिति की अध्यक्षता कैबिनेट सचिव करेंगे और इसमें गृह मंत्रालय सचिव, महिला एवं बाल विकास सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव, कानून एवं न्याय और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता सचिव शामिल होंगे.

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नलिनी शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 16 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 10:13 PM IST

समलैंगिक विवाह मामले (Same Sex Marriage Case) में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केंद्र सरकार ने समलैंगिक समुदाय से संबंधित विभिन्न मुद्दों की जांच के लिए छह सदस्यीय समिति का गठन किया है. अक्टूबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में केंद्र सरकार को समलैंगिक समुदाय से संबंधित विभिन्न मुद्दों की जांच के लिए कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने का निर्देश दिया था. 

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समिति में कौन लोग शामिल होंगे?

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर केंद्र सरकार ने एक समिति गठित करने का निर्णय लिया है. इस समिति की अध्यक्षता कैबिनेट सचिव करेंगे और इसमें गृह मंत्रालय सचिव, महिला एवं बाल विकास सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव, कानून एवं न्याय और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता सचिव शामिल होंगे.

समिति का क्या काम होगा?

यह समिति LGBT कम्युनिटी से जुड़े कई मुद्दों की जांच करेगी. जैसे, यह सुनिश्चित करने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं कि आम चीजों और सेवाओं तक पहुंच में LGBTQ+ लोगों के साथ कोई भेदभाव न हो. समिति जांच करेगी कि कौन से उपाय यह सुनिश्चित करेंगे कि LGBTQ+ समुदाय को हिंसा, उत्पीड़न या किसी खतरे का सामना न करना पड़े. 

इसके अलावा यह सुनिश्चित करने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं कि समलैंगिक लोगों को अनैच्छिक चिकित्सा उपचार और सर्जरी का सामना न करना पड़े. साथ ही यह सुनिश्चित करने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं कि सामाजिक कल्याण अधिकारों तक पहुंच में कोई भेदभाव न हो.

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