न्यायिक हिरासत के बाद विभव कुमार ने दायर की जमानत याचिका, कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से मांगा जवाब

विभव कुमार की जमानत अर्जी पर तीस हजारी कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है. तीस हजारी कोर्ट ने इस मामले को सुनवाई के लिए सोमवार को सूचीबद्ध किया है. अब दिल्ली पुलिस को विभव की जमानत अर्जी पर सोमवार तक जवाब दाखिल करना है. फिर कोर्ट सोमवार को पुलिस के जवाब से सुनवाई शुरू करेगा

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विभव कुमार ने दायर की जमानत याचिका विभव कुमार ने दायर की जमानत याचिका

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 24 मई 2024,
  • अपडेटेड 7:20 PM IST

आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट के आरोपी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव विभव कुमार ने दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में जमानत याचिका दायर की है. मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट गौरव गोयल की अदालत ने शुक्रवार को विभव कुमार को चार दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया है, जिसके बाद यह जमानत याचिका दाखिल की गई है. 

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विभव कुमार की जमानत अर्जी पर तीस हजारी कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है. तीस हजारी कोर्ट ने इस मामले को सुनवाई के लिए सोमवार को सूचीबद्ध किया है. अब दिल्ली पुलिस को विभव की जमानत अर्जी पर सोमवार तक जवाब दाखिल करना है. फिर कोर्ट सोमवार को पुलिस के जवाब से सुनवाई शुरू करेगा, जिसके बाद बचाव पक्ष कुमार की तरफ से पुलिस को दलीलों का जवाब देगा.

कोर्ट ने विभव कुमार को न्यायिक हिरासत में भेजा

विभव कुमार की पुलिस हिरासत की अवधि खत्म होने से पहले दिल्ली पुलिस ने उन्हें शुक्रवार को तीस हजारी कोर्ट में पेश किया था. कोर्ट ने विभव कुमार को चार दिनों यानी 28 मई तक की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया है यानी विभव कुमार 28 मई तक तिहाड़ जेल में रहेंगे.

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विभव के वकील ने एक बार फिर इस केस में आरोपी की गिरफ्तारी की जरूरत पर सवाल खड़ा किया. इस दलील के साथ विभव के वकील ने अरनेश कुमार मामले में दी गई कोर्ट की गाइड लाइन का हवाला भी दिया.

विभव के वकील ने पूछा- 14 दिन की रिमांड क्यों नहीं मांगी?

दिल्ली पुलिस ने कहा कि अदालत के निर्देशों के अनुसार हमने परिवार के सदस्यों और वकील को विभव से मिलने की अनुमति दी थी. विभव के वकील ने कहा कि न्यायिक हिरासत या पुलिस हिरासत दोनों ही आरोपी की स्वतंत्रता को प्रभावित करते हैं. किसी भी चीज़ की मांग उचित होनी चाहिए.

विभव के वकीलों ने किसी भी तरह की रिमांड का विरोध करते हुए कहा कि 14 दिन की रिमांड क्यों नहीं मांगी. पुलिस के वकील ने कहा कि ये जांच एजेंसी के ऊपर है कि वो कितने दिन की रिमांड मांगे. विभव को पेश करने के बाद पुलिस ने विभव को न्यायिक हिरासत में भेजने की गुहार कोर्ट से लगाई. पुलिस ने तीस हजारी कोर्ट में कहा कि अब विभव की पुलिस हिरासत की ज़रूरत नहीं है.

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