पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में बीएसएफ के जवानों ने एक बार फिर बांग्लादेशी तस्करों के घातक हमले से निपटने में सफलता हासिल की है. यह घटना मधुपूर सीमाचौकी पर घटी, जहां तस्करों ने जवानों पर लाठी-डंडों और धारदार हथियारों से जानलेवा हमला किया. बीएसएफ की 59वीं बटालियन के जवानों ने अपने साहस और संयम का परिचय देते हुए तस्करी की कोशिश को नाकाम किया.
घटना 27 अप्रैल की रात करीब 1 बजे हुई. दूसरी शिफ्ट के दौरान, एक जवान ने तारबंदी के दोनों ओर 20-25 हथियारबंद लोगों की संदिग्ध गतिविधि को देखा था. ये तस्कर तारबंदी के ऊपर से संदिग्ध पोटलों को फेंकने की कोशिश कर रहे थे.
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बांग्लादेशी तस्करों को देख जवान हो गया अलर्ट
जवान ने सतर्कता दिखाते हुए अपने साथी जवानों को अलर्ट किया और तस्करों की चुनौती का सामना किया. तस्करों ने चेतावनी को नजरअंदाज करते हुए जवान पर हमला कर दिया. जवानों ने आत्मरक्षा में हवा में फायरिंग की, जिससे तस्कर भारतीय क्षेत्र में भाग खड़े हुए.
तारबंदी के पार फेंके गए फेंसेडिल के पोटलों को बांग्लादेशी तस्करों का एक बड़ा समूह ले जाने की कोशिश कर रहा था. अंबुश पार्टी ने उन्हें रोका, लेकिन तस्कर हिंसक बने रहे और जवानों पर हमला करने का प्रयास किया. जवानों द्वारा की गई फायरिंग के कारण तस्कर भाग खड़े हुए. हालांकि, मौके पर अन्य जवानों के पहुंचने पर तस्करों ने अंधेरे और झाड़ियों का फायदा उठाकर भाग निकले.
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शराब, टॉर्च और धारदार हथियार बरामद
घटनास्थल से 175 फेंसेडिल की बोतलें, 2 अंग्रेजी शराब की बोतलें, 1 टॉर्च, 3 दराती और 1 धारदार दाह बरामद किया गया है. मृत बांग्लादेशी तस्कर के शव को पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया है और मामला दर्ज कर लिया गया है. बीएसएफ जवानों की सतर्कता और साहस ने एक बड़ी तस्करी की कोशिश को विफल कर दिया.
अनुपम मिश्रा