रिजेक्ट हुआ US वीजा, टूट गया सपना..., महिला डॉक्टर ने डिप्रेशन में दे दी जान

गुंटूर की एक 38 वर्षीय महिला डॉक्टर ने कथित रूप से डिप्रेशन में अपनी जान ले ली. अमेरिका जाने के सपने और यूएस वीज़ा रिजेक्शन से परेशान डॉक्टर रोहिणी के परिवार ने बताया कि वह गहरे मानसिक तनाव में थीं. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की प्रतीक्षा है, जबकि पुलिस ने घर से एक नोट भी बरामद किया है.

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रिजेक्ट हुआ US वीजा...,डॉक्टर ने डिप्रेशन में दे दी जान (Photo: ITG) रिजेक्ट हुआ US वीजा...,डॉक्टर ने डिप्रेशन में दे दी जान (Photo: ITG)

अपूर्वा जयचंद्रन

  • गुंटूर ,
  • 24 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:43 AM IST

आंध्रप्रदेश के गुंटूर के पद्मा राव नगर इलाके में एक 38 वर्षीय महिला डॉक्टर की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत ने पूरे परिवार को सदमे में डाल दिया है. मृतका की पहचान डॉक्टर रोहिणी के रूप में हुई है. पुलिस के अनुसार, प्रारंभिक जांच में यह मामला डिप्रेशन से जुड़ा प्रतीत हो रहा है, जिसका कारण उनका अमेरिकी वीजा रिजेक्ट होना बताया जा रहा है.

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यह घटना शनिवार को तब सामने आई जब उनकी घरेलू सहायक ने देखा कि डॉक्टर रोहिणी काफी देर से दरवाजा नहीं खोल रही हैं. उसने तुरंत परिवार को इसकी सूचना दी. घर पहुंचे परिजन काफी देर तक दरवाज़ा खटखटाते रहे, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. अंततः दरवाज़ा तोड़कर अंदर प्रवेश किया गया, जहां रोहिणी को मृत अवस्था में पाया गया. पुलिस को सूचना दी गई और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया, जिसके बाद परिजनों को सौंप दिया गया.

चिलकलगुड़ा पुलिस के अनुसार, घर से एक नोट मिला है, जिसमें रोहिणी ने डिप्रेशन का जिक्र किया है और अपने वीजा के रिजेक्ट होने से गहरा मानसिक आघात बताया है. हालांकि पुलिस ने कहा कि मौत का वास्तविक कारण पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा.

मृतका की मां लक्ष्मी ने बताया कि रोहिणी अमेरिका जाकर इंटरनल मेडिसिन में विशेषज्ञता हासिल करना चाहती थीं और इसके लिए लंबे समय से तैयारी कर रही थीं. उन्होंने बताया कि रोहिणी ने 2005 से 2010 के बीच किर्गिस्तान में एमबीबीएस किया था और हमेशा पढ़ाई में बेहतरीन रिजल्ट लाया. लक्ष्मी ने कहा कि वीजा रिजेक्शन के बाद उनकी बेटी का तनाव बढ़ता जा रहा था और वह खुद को अलग-थलग महसूस करने लगी थीं. परिवार ने उन्हें भारत में ही प्रैक्टिस करने की सलाह दी थी, लेकिन रोहिणी का कहना था कि अमेरिका में मरीजों की संख्या नियंत्रित रहती है और वहां करियर तथा कमाई दोनों बेहतर हैं.

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परिवार के अनुसार रोहिणी अविवाहित थीं और अपना पूरा समय चिकित्सा करियर को समर्पित कर चुकी थीं. हाल के दिनों में उनका मानसिक तनाव बढ़ने के संकेत मिले थे. वहीं, पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए आगे की कार्रवाई की जा रही है.

 

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