अमृतपाल के 2 करीबी मोहाली से हिरासत में लिए, आरोपियों में महिला भी शामिल

दिल्ली और पंजाब पुलिस के साझा ऑपरेशन में अमृपाल के दो सहयोगियों को हिरासत में लिया गया है. इनके नाम गुरजंट और निशा रानी है. इन पर अमृतपाल को फरार होने में मदद पहुंचाने और उसे संसाधन मुहैया कराने का आरोप है.

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अमृतपाल सिंह अमृतपाल सिंह

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 17 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 11:58 PM IST

पंजाब के मोहाली से 'वारिस पंजाब दे' संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह के दो सहयोगियों को हिरासत में लिया गया है. इन दोनों सहयोगियों में से एक महिला भी है. इन्हें मोहाली के सेक्टर 88 से हिरासत में लिया गया है.

दिल्ली और पंजाब पुलिस के साझा ऑपरेशन में इन्हें हिरासत में लिया गया है. इन दोनों सहयोगियों के नाम गुरजंट और निशा रानी है. इन पर अमृतपाल को फरार होने में मदद पहुंचाने का आरोप है. साथ में अमृतपाल को संसाधन मुहैया कराने का भी आरोप है.

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गुरजंट को अमृतपाल का करीबी बताया जा रहा है. बता दें कि खालिस्तान समर्थक और 'वारिस पंजाब दे' संगठन का चीफ अमृतपाल सिंह काफी समय से फरार चल रहा है.

अब तक पकड़े गए अमृतपाल के 9 करीबी

अमृतपाल और उसके साथियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई में जुटी हुई है. अब तक उसके नौ गुर्गों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें उसका खास सहयोगी पप्पलप्रीत सिंह भी शामिल है. जिन नौ गुर्गों को पुलिस अरेस्ट कर चुकी है, उनमें पप्पलप्रीत सिंह, दलजीत सिंह कलसी, भगवंत सिंह उर्फ बाजेके, गुरमीत सिंह बुक्कनवाल,  बसंत सिंह दौलतपुरा, हरजीत सिंह, वरिंदर सिंह उर्फ फौजी, वरिंदर सिंह, गुरिंदर पाल सिंह शामिल हैं. ये सभी फिलहाल असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं.

कैसे और कहां से भागा अमृतपाल?

पंजाब पुलिस ने 18 मार्च को खालिस्तानी नेता अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार करने के लिए बड़े पैमाने पर ऑपरेशन शुरू किया था. इस ऑपरेशन में सात जिलों की पुलिस टीम शामिल थी. पुलिस की 50 से ज्यादा गाड़ियों ने अमृतपाल और उसके समर्थकों का पीछा किया. जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने अमृतपाल का पीछा तब किया, जब वो जालंधर की शाहकोट तहसील जा रहा था. अमृतपाल को आखिरी बार बाइक से भागते हुए दिखा था. पुलिस का भी कहना है कि संकरी गलियां थीं और वो अपनी गाड़ी बदलकर वहां से भागने में कामयाब रहा.

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अमृतपाल को क्यों पकड़ रही है पुलिस?

23 फरवरी को अमृतपाल और उसके संगठन वारिस पंजाब दे से जुड़े लोगों ने अजनाला पुलिस थाने पर हमला कर दिया था. अमृतपाल और उसके समर्थकों के हाथ में तलवार, लाठी-डंडे थे. ये पूरा बवाल आठ घंटे तक चला था. ये बवाल अमृतपाल के समर्थक लवप्रीत तूफान की रिहाई को मांग को लेकर हुआ था. लवप्रीत तूफान को पुलिस ने बरिंदर सिंह नाम के शख्स को अगवा और मारपीट करने के आरोप में हिरासत में लिया था. हालांकि, बवाल के बाद पुलिस ने उसे छोड़ दिया था.  23 फरवरी की इसी घटना के मामले में पुलिस ने केस दर्ज किया था. इसी मामले में अमृतपाल को पुलिस पकड़ने गई थी.

अमृतपाल पर एनएसए लगा

फरार अमृतपाल पर पुलिस ने एनएसए लगा दिया है. एनएसए यानी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून. बेहद सख्त कानून माना जाता है. इस कानून के तहत पुलिस संदिग्ध व्यक्ति को 12 महीनों तक हिरासत में रख सकती है. हिरासत में रखने के लिए बस बताना होता है कि इस व्यक्ति को जेल में रखा गया है.

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