Pegasus स्पाईवेयर का टारगेट थे ये नाम? एमनेस्टी ने जारी किया ये बयान

पेगासस जासूसी (Pegasus spying case) मामले पर जारी विवाद के बीच ह्यूमन राइट्स ग्रुप एमनेस्टी इंटरनेशनल (Amnesty International) की सफाई सामने आई है. 

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पेगासस मामले में एमनेस्टी का बयान (फाइल फोटो) पेगासस मामले में एमनेस्टी का बयान (फाइल फोटो)

राहुल श्रीवास्तव / हिमांशु मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 22 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 2:41 PM IST
  • पेगासस जासूसी विवाद पर एमनेस्टी का बयान
  • रिपोर्ट में आए तथ्यों के साथ: एमनेस्टी

पेगासस जासूसी (Pegasus spying case) मामले पर जारी विवाद के बीच ह्यूमन राइट्स ग्रुप एमनेस्टी इंटरनेशनल (Amnesty International) की सफाई सामने आई है. कंपनी का कहना है कि वह रिपोर्ट में किए गए सभी दावों के साथ हैं, एनएसओ ग्रुप के पेगासस स्पाईवेयर से लिस्ट में शामिल लोगों को निशाना बनाया गया था.

ये बयान तब सामने आया है, जब सोशल मीडिया पर इस तरह के दावे किए जा रहे थे कि एमनेस्टी ने अपनी रिपोर्ट से यू-टर्न ले लिया है. दावा किया गया कि एमनेस्टी ने कभी नहीं कहा है कि हाल ही में जारी लिस्ट को NSO ग्रुप के पेगासस स्पाइवेयर से टारगेट किया गया था.  

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अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों ने छापी है रिपोर्ट

आपको बता दें कि कई अंतरराष्ट्रीय मीडिया कंपनियों, फॉरबिडन स्टोरी और एमनेस्टी इंटरनेशनल द्वारा हाल ही में एक रिपोर्ट छापी गई थी, जिसमें दावा किया गया कि दुनिया के करीब 50 हजार फोन हैक किए गए थे. इनमें पत्रकार, नेता, मंत्री, एक्टिविस्ट शामिल थे. फोन हैकिंग के लिए इजरायल की कंपनी एनएसओ ग्रुप के पेगासस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया. 

भारत में इस खुलासे को लेकर जमकर बवाल हो रहा है, संसद से लेकर सड़क तक विपक्ष इस मसले को उठा रहा है. इस पूरी लिस्ट में करीब तीन सौ लोग भारत के थे, जिनमें राहुल गांधी, प्रशांत किशोर समेत कई विपक्षी नेता, चालीस से अधिक पत्रकार, मंत्री और अन्य हस्तियों को टारगेट किया गया था. 

रिपोर्ट्स में किए गए दावे पर एनएसओ ग्रुप ने पहले ही सफाई दी थी कि वह सिर्फ सरकारों को ये सॉफ्टवेयर मुहैया कराता है, ना कि किसी प्राइवेट प्लेयर को. एनएसओ ग्रुप ने इन रिपोर्ट्स को गलत बताया था. अब इस मामले में फ्रांस, इजरायल में जांच हो रही है. 

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