'देश से एक-एक घुसपैठिए को निकालेंगे...', BSF के 61वें स्थापना दिवस पर बोले अमित शाह

भुज में BSF के स्थापनी दिवस पर अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार हर घुसपैठिए को देश से बाहर निकालेगी. उन्होंने SIR को मतदाता सूची का “शुद्धिकरण” बताया और कहा कि कुछ राजनीतिक दल घुसपैठियों के नाम बचाने के लिए इसका विरोध कर रहे हैं.

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BSF समारोह में अमित शाह ने SIR को बताया लोकतंत्र का पहरेदार (Photo: PTI) BSF समारोह में अमित शाह ने SIR को बताया लोकतंत्र का पहरेदार (Photo: PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 21 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 6:22 PM IST

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को गुजरात के भुज में BSF की 61वें स्थापना दिवस पर बोलते हुए देश की सुरक्षा और मतदाता सूची में चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) अभियान पर बड़ा बयान दिया. उन्होंने साफ कहा कि मोदी सरकार का संकल्प बिल्कुल स्पष्ट है - “हम देश में मौजूद हर एक घुसपैठिए को चुन-चुनकर बाहर निकालेंगे.”

शाह ने दावा किया कि कुछ राजनीतिक दल SIR का विरोध इसलिए कर रहे हैं ताकि घुसपैठियों के नाम मतदाता सूची में बने रहें. उन्होंने कहा कि BSF देश की सीमाओं पर घुसपैठ रोक रही है, और SIR उसी दिशा में लोकतंत्र की सुरक्षा का एक बड़ा कदम है.

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यह बयान ऐसे समय आया है जब एक दिन पहले ही बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर SIR को तुरंत रोकने की मांग की थी. ममता ने इसे “अव्यवस्थित, खतरनाक और दमनकारी” बताते हुए कहा कि बंगाल में यह प्रक्रिया बेहद चिंताजनक स्तर तक पहुंच चुकी है. शाह ने इसकी आलोचना करते हुए कहा कि SIR मतदाता सूची का “शुद्धिकरण” है और लोकतंत्र को सुरक्षित रखने के लिए बेहद आवश्यक है.

शाह ने यह भी कहा कि भारत का लोकतांत्रिक फैसला केवल भारत के नागरिक करेंगे, घुसपैठिए नहीं. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि जो दल घुसपैठियों के संरक्षण में लगे हैं, उन्हें जनता कभी माफ नहीं करेगी. उन्होंने हाल ही में हुए बिहार चुनावों का जिक्र किया और कहा कि जनता का जनादेश साफ है - घुसपैठ के खिलाफ कड़ा कदम.

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BSF की भूमिका पर बोलते हुए शाह ने बताया कि 2,013 वीर जवानों ने अब तक देश की सुरक्षा में अपना बलिदान दिया है. उन्होंने घोषणा की कि अगला साल BSF जवानों और उनके परिवारों के कल्याण को समर्पित होगा. साथ ही उन्होंने बताया कि सरकार आने वाले समय में BSF को दुनिया की सबसे तकनीकी और आधुनिक सीमा सुरक्षा फोर्स बनाने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही है.

यह भी पढ़ें: 'बॉर्डर की सुरक्षा के लिए एंटी ड्रोन यूनिट बनाएगा भारत', BSF के स्थापना दिवस पर बोले अमित शाह

उन्होंने पहली बार “ई-सीमा सुरक्षा” कॉन्सेप्ट का भी जिक्र किया और बताया कि इसका ट्रायल पूरा हो चुका है और BSF ने इसमें अहम भूमिका निभाई है.

भुज में BSF के 61वें स्थापना दिवस समारोह के दौरान सलामी लेते हुए अमित शाह (Photo: PTI)

नक्सलवाद पर बोलते हुए शाह ने कहा कि सरकार 31 मार्च 2026 तक देश को पूरी तरह नक्सल-मुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने बताया कि BSF ने छत्तीसगढ़ और अन्य क्षेत्रों में 127 नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने पर मजबूर किया, 73 को गिरफ्तार किया और 22 को मार गिराया.

अपने भाषण के अंत में शाह ने “ऑपरेशन सिंदूर” का ज़िक्र किया और कहा कि जब भारतीय सेना और BSF ने आतंकियों को जवाब दिया, तो पाकिस्तान को इसे अपने खिलाफ समझना पड़ा, जिसके बाद वह एकतरफा संघर्षविराम की घोषणा करने पर मजबूर हुआ. शाह ने कहा कि यह दुनिया के लिए एक साफ संदेश था कि भारत की सीमाओं का उल्लंघन करने की कीमत भारी होगी.

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