एअर इंडिया ने 1 अगस्त 2025 से अपनी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की चरणबद्ध बहाली शुरू कर दी है. विमान कंपनी ने 1 अक्टूबर 2025 तक पूरी तरह सेवाएं बहाल करने का लक्ष्य रखा गया है. यह कदम जून में शुरू किए गए स्वैच्छिक ‘सेफ्टी पॉज़’ के बाद उठाया गया है.
तब एयरलाइन ने अतिरिक्त प्री-फ्लाइट जांच और क्षेत्रीय हवाई क्षेत्र बंद होने से पैदा हुई परिचालन चुनौतियों को दूर करने के लिए अपनी उड़ानों की संख्या अस्थायी रूप से घटा दी थी.
एअर इंडिया ने एक बयान में कहा, "यात्रियों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है." एयरलाइन ने बताया कि उड़ानों को चरणबद्ध तरीके से बहाल करने का यह तरीका पूरी तरह से जांच और सुरक्षित सेवा सुनिश्चित करता है.
DGCA की निगरानी में बोइंग बेड़े की जांच
एयरलाइन के मुताबिक, ‘सेफ्टी पॉज़’ के दौरान अतिरिक्त ग्राउंड टाइम का इस्तेमाल विमानों की विश्वसनीयता बढ़ाने, देरी और व्यवधान प्रबंधन में सुधार, तथा उन्नयन कार्य को तेज करने के लिए किया गया.
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इस अवधि में डीजीसीए (DGCA) की निगरानी में बोइंग 787-8 और 787-9 बेड़े की विस्तृत जांच की गई, जिसमें कोई खामी नहीं पाई गई. बोइंग 737 और 787-8 विमानों के फ्यूल कंट्रोल स्विच मैकेनिज्म की भी जांच हुई और उसमें भी कोई समस्या नहीं मिली.
एअर इंडिया ने कहा, “जून में हुई AI171 दुर्घटना के बाद हमने कई सक्रिय कदम उठाए और व्यापक जांच की, ताकि हमारी हर उड़ान वैश्विक सुरक्षा और सेवा मानकों पर खरी उतरे.” एयरलाइन ने यह भी जोड़ा कि हर उड़ान से पहले प्रशिक्षित इंजीनियर और पायलट सख्त जांच करते हैं और सभी मेंटेनेंस कार्य प्रमाणित सुविधाओं पर किए जाते हैं.
अमित भारद्वाज