अफगानिस्तान संकट के बीच अफगान की महिला सांसद को भारत से डिपोर्ट करने की घटना सामने आई थी, अब इसपर भारत सरकार ने दुख जाहिर किया है. कांग्रेस के सीनियर नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की तरफ से इस बात की जानकारी दी गई है. मल्लिकार्जुन खड़गे आज गुरुवार को कुछ अन्य नेताओं संग सरकार के प्रतिनिधियों के मिले थे. इसमें अफगान में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने के साथ-साथ अफगान सांसद रंगीना कारगर का भी जिक्र किया गया था.
रंगीना कारगर अफगान के फरयाब प्रांत के वोलेसी जिरगा से सांसद हैं. खबरों के मुताबिक, वह 20 अगस्त को आईजीआई एयरपोर्ट पहुंची थीं. लेकिन उनको यहीं से डिपोर्ट करके वापस भेज दिया गया. अफगान की महिला सांसद रंगीना कारगर इस्तांबुल से भारत आई थीं. उनको वहीं वापस भेज दिया.
सांसद बोलीं- तालिबान राज के बाद बदली स्थिति
रंगीना कारगर साल 2010 से सांसद हैं. उन्होंने बताया था कि वह पहले भी कई बार उसी पासपोर्ट पर भारत आई हैं, लेकिन तब किसी ने उन्हें नहीं रोका था. उन्होंने आशंका जताई कि अफगान में तालिबान के कब्जे के बाद यह स्थिति बदली है. उन्होंने बताया कि इमीग्रेशन ऑफिसर ने पहले उनको एयरपोर्ट पर ही रुकने को कहा. फिर सीनियर अफसर से बात करके उनको डिपोर्ट कर दिया.
अब मल्लिकार्जुन खड़गे के बताया कि सरकार ने सांसद को डिपोर्ट करने के मामले पर खेद जताया है. सरकार की तरफ से आश्वासन दिया गया है कि ऐसा आगे नहीं होगा.
पॉलोमी साहा