कोयला तस्करी केस में टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) आज सोमवार को पूछताछ में शामिल होने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दिल्ली दफ्तर पहुंचे. इससे पहले उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में इस समन के खिलाफ याचिका दायर की थी. लेकिन कोर्ट ने इसपर आज तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया, जिसके बाद टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी को ईडी दफ्तर जाना पड़ा.
पश्चिम बंगाल के कथित कोयला घोटाले में PMLA के तहत केस दर्ज हुआ था. इसमें ममता बनर्जी के भतीजे और टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रुजीरा बनर्जी का भी नाम आया था. इसलिए ईडी ने दोनों को पूछताछ के लिए समन किया था.
Delhi | TMC MP Abhishek Banerjee arrives at ED office in connection with an alleged coal scam pic.twitter.com/oTJTXIS5Iq
— ANI (@ANI) March 21, 2022इस समन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए बनर्जी परिवार ने अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया था. कहा गया था कि इसमें ईडी का समन गैर जरूरी है. इसके अलावा याचिका में दिल्ली हाई कोर्ट के 11 मार्च के आदेश को चुनौती दी गई थी. इसमे ED के उनके खिलाफ जारी किए गए समन को रद्द करने की याचिका खारिज कर दी थी.
कोयला तस्करी का मामला क्या है?
यह मामला बंगाल की कोयला खदानों से हुई कोयले की तस्करी का है. इसमें आसनसोल, दुर्गापुर, पुरुलिया, बांकुरा की कोयला खदानों से तस्करी की बात सामने आई थी. आरोप है कि यहां से अवैध खनन करके कोयला निकालकर उसका अवैध व्यापार किया गया.
इस तस्करी का सरगना अनूप मांझी उर्फ लाला को बताया गया है. इसमें हजारों करोड़ की अवैध कमाई की बात कही गई थी. फिलहाल लाला फरार है, उसके ठिकानों पर सीबीआई लगातार छापेमारी कर रही है. सीबीआई ने 2020 के नवंबर में इससे जुड़ा केस दर्ज किया था. दूसरा आरोपी विनय मिश्रा है. विजय मिश्रा पर अभिषेक बनर्जी के करीबी होने का आरोप है. विनय भी अभी सीबीआी के शिकंजे से बाहर है. कुछ गवाहों ने रुजिरा का भी नाम लिया था. आरोप है मवेशी तस्करी और कोयला तस्कीर एक दूसरे से जुड़े हुए हैं.
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