पाकिस्तान के साथ सीजफायर पर बनी सहमति को लेकर अब देश के अंदर सवाल उठने लगे हैं. इसी बीच अब आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने सीजफायर को लेकर केंद्र से कई सवाल पूछे हैं.
मंगलवार को प्रेस वार्ता में मनीष सिसोदिया ने कहा कि पाकिस्तान के साथ सीजफायर को लेकर कई सवाल लोगों के मन में आ रहे हैं. उन्होंने केंद्र से पूछा कि आतंकवादी देश पाकिस्तान के खिलाफ सीजफायर क्यों किया?. जब हमारी सेना आतंकवादियों को कड़ा सबक सिखा रही थी तो आप सीजफायर के लिए क्यों माने?
AAP नेता ने कहा कि जब पाकिस्तान से सीजफायर करना ही था तो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को बुलाकर लिखित समझौता क्यों नहीं कराया? और अगर उन्होंने हाथ जोड़े और आप मान गए. इस सीजफायर से पहलगाम के पीड़ितों को न्याय कैसे मिलेगा?.
उन्होंने ये भी कहा कि भारतीय अधिकारियों द्वारा सीजफायर की घोषणा से पहले अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने कैसे ऐलान कर दिया? ये कैसे संभव हुआ.
मनीष सिसोदिया ने कहा कि कैसे अमेरिकी राष्ट्रपति ने दावा कर रहे है कि उन्हें भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराया. कैसे वो ये दावा कर रहे हैं कि मैंने व्यापार रोकने की धमकी देकर सीजफायर कराया.
कश्मीर-PAK मामले में बर्दाश्त नहीं किसी का दखल
उन्होंने कहा कि कल पूरा देश उम्मीद कर रहा था कि पीएम अपने संबोधन में अमेरिका को दो टूक जवाब देंगे कि कश्मीर का मामला हो या पाकिस्तान से निपटने का मामला हो, हम खुद अपने दम पर इससे निपट सकते हैं. हमने इस मामले में कभी अमेरिका या किसी अन्य देश का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया.
क्या बोले ट्रंप
बता दें कि सोमवार पीएम मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन से कुछ मिनट पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने दावा किया कि मैंने उनसे कहा कि हम आपके साथ बहुत सारा व्यापार करने जा रहे हैं. अगर आपने युद्ध नहीं रोका तो हम आपके साथ व्यापारिक संबंध को खत्म कर देंगे. अगर आप युद्ध रोक देते हैं तो हम आपके साथ व्यापार करेंगे, अगर वॉर बंद नहीं होती तो हम कोई व्यापार नहीं करेंगे.
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