कृषि क़ानून वापस कराने के लिए किसानों ने धरना देते हुए पूरा दिसंबर निकाल दिया है लेकिन सरकार टस से मस नहीं हुई. छह बार दोनों पक्ष आपस में मिले भी मगर बात बनी नहीं. इस बीच एक ख़त किसानों के नाम आया. वो लिखा था केंद्रीय कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने. इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार और किसानों के बीच बातचीत 30 दिसंबर यानी कल दोपहर 2 बजे होगी. अब इस मुलाक़ात को लेकर कितनी उम्मीदें बांधी जाएं सवाल तो ये है. लोग ये भी पूछ रहे हैं कि किसानों की आगे रणनीति क्या है… तो हमने बात की आजतक रेडियो रिपोर्टर कुमार कुणाल से…
बंगाल की तरह ही तमिलनाडु भी चुनाव के लिए तैयार खड़ा है. अगले साल अप्रैल मई में इलेक्शन हो सकते हैं यहां. इस बार खिलाड़ी कई हैं. पुरानेवाले DMK और AIADMK तो हैं ही लेकिन बीजेपी भी है, रजनीकांत की पार्टी भी है, कमल हासन की पार्टी भी है. फ़िलहाल तो बंगाल में तीखे तेवर धरे बैठी बीजेपी को लेकर कई तरह की बातें चल रही थीं कि उसका AIADMK से गठबंधन होगा लेकिन AIADMK के सांसद केपी मुनुस्वामी के एक बयान ने खलबली मचा दी है. उन्होंने कहा कि वो किसी भी राष्ट्रीय पार्टी के साथ पावर शेयरिंग नहीं करेंगे. महाराष्ट्र में पावर शेयरिंग को लेकर क्या हुआ सब जानते हैं. अब बीजेपी को तो स्ट्रॉन्ग पार्टी माना जा रहा था मगर AIADMK का मूड उसके साथ जाने का नहीं बना तो इसके पीछे पार्टी सोच क्या रही है.. ये समझा हमने चेन्नई से आजतक रेडियो रिपोर्टर प्रमोद माधव से.
एक बात हम बार बार सुनते हैं कि राजनीति में नौजवानों को और महिलाओं को आगे आना चाहिए. एक ऐसी ही ख़बर है जो उम्मीदें जगाती है, भविष्य क्या होगा मालूम नहीं, अभी उस ख़बर को बहुत लोग ताज़ी हवा के झोंके की तरह देख रहे हैं और वो ख़बर आई है केरल से. केरल के तिरुवनंतपुरम ने भारत के इतिहास का सबसे यंग मेयर, सबसे कम उम्र का मेयर चुना है, बल्कि कहना चाहिए कि चुनी है. महिला हैं, 21 साल की आर्या राजेंद्रन ने तिरुवनंतपुरम का मेयर पद संभाल लिया है. हमने बात की हमारे आज तक रेडियो के साथी कुलदीप मिश्र से जिन्होंने आर्या राजेंद्रन के बारे में कुछ बातें जमा की हैं.
हमारे पड़ोस में नेपाल है जहां आम तौर पर सब नॉर्मल रहता था लेकिन कुछ वक़्त से वहाँ भी राजनीतिक उथल-पुथल है. नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी दो धड़ों में बंट गई है. नेता आपस में लड़ ही रहे थे कि चीन से एक डेलिगेशन वहाँ पहुँच गया. डेलिगेशन के नेपाल आने का क्या उद्देश्य है इस पर कोई ऑफिशियल स्टेटमेंट या खबर तो नहीं आए लेकिन फ़ोटो ज़रूर बाहर आ गई. अब चीन नेपाल के अंदरुनी मामलों में घुसा है तो भारत में ख़बर को बड़ा बनना ही था. इस साल नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं के बीच जब भी मतभेद बढ़े, नेपाल में चीन एक्टिव हुआ ही है लेकन सारी कोशिशों के बावजूद ओली ने संसद भंग कर दी और वक्त से पहले चुनाव का एलान कर दिया. क्या ओली के इस फैसले से चीन की बेचैनी बढ़ गई है? ये समझा हमने हमारी सहयोगी स्वाति मिश्रा से.
और ये भी सुनिए कि 29 दिसंबर की तारीख महत्वपूर्ण क्यों है, इतिहास इस पर क्या कहता है. साथ साथ अख़बारों का हाल भी लेंगे. इतना सब कुछ महज़ आधे घंटे में सुनिए मॉर्निग न्यूज़ पॉडकास्ट 'आज का दिन' में नितिन ठाकुर के साथ.
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