अब SC का फैसला तय करेगा किसान आंदोलन की दिशा! सुनें 'आज का दिन'

आज किसान आंदोलन के मामले में सुप्रीम कोर्ट अपनी रूलिंग सुना सकता है. केंद्र सरकार ने जो कृषि क़ानून बनाए हैं उनकी संवैधानिक वैधता को अदलात में चुनौती दी गयी है, यानि याचिका दायर करने वालों का कहना है कि ये संविधान के हिसाब से पास नहीं हुए.

Advertisement
सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन करते किसान सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन करते किसान

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 12 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 8:30 AM IST

आज किसान आंदोलन के मामले में सुप्रीम कोर्ट अपनी रूलिंग सुना सकता है. केंद्र सरकार ने जो कृषि क़ानून बनाए हैं उनकी संवैधानिक वैधता को अदलात में चुनौती दी गयी है, यानि याचिका दायर करने वालों का कहना है कि ये संविधान के हिसाब से पास नहीं हुए. कल कोर्ट ने सरकार पर कई सख़्त टिप्पणियाँ की थीं और एक कमेटी बनाने की बात भी बोली थी जिसे किसान संगठन मानने को राज़ी नहीं हैं. तो क्या सुप्रीम कोर्ट की आज की रूलिंग किसान आंदोलन की दिशा तय करने का काम कर सकती है? कोर्ट की रूलिंग के बाद क्या हो सकता है? क्या यहाँ से आंदोलन खत्म होने का रास्ता तैयार  होगा? यही बता रहे हैं हमारे वरिष्ठ सहयोगी प्रभाष दत्ता.

Advertisement

लंबे वक़्त के बाद एलएएसी से ऐसी ख़बर आई है. चीन ने पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुल कंट्रोल से कल अपने करीब 10 हजार जवानों को पीछे बुला लिया है. भारतीय सीमा के पास से क़रीब दो सौ किलोमीटर का ये डिस्टेंस है जहां से चीनी सेना हटी है. वजह क्या रही जानने के लिए हमने बात की आज तक रेडियो रिपोर्टर मंजीत नेगी से.

सुनिए प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना वैक्सीनेशन अभियान से पहले देश को क्या बातें कहीं और एक दिलचस्प ख़बर गुजरात से भी है. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने National Family Health Survey 2019-20 के पहले चरण के आँकड़े जारी किए हैं. इन आंकड़ों से पता चला है कि गुजरात जो की कहने को तो ड्राई स्टेट है मगर यहां शराब जमकर पी जा रही है. उसमें भी चौकाने वाली बात ये है कि प्रदेश में पिछले पांच सालों में शराब पीने वाली महिलाओं की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है. महिलाओं की ये संख्या दोगुनी हो गई है. और क्या क्या कहती है ये रिपोर्ट? ये सर्वे कब, किन लोगों पर किया गया? महिलाओं के सँख्या में बढ़ोतरी की वजह क्या है? इन्हीं सब बातों पर रौशनी डाल रहे हैं हमारे साथी कुमार केशव. 

Advertisement

और ये भी सुनिए कि 12 जनवरी की तारीख महत्वपूर्ण क्यों है, इतिहास इस पर क्या कहता है. साथ साथ अख़बारों का हाल भी लेंगे. इतना सब कुछ महज़ आधे घंटे में सुनिए मॉर्निग न्यूज़ पॉडकास्ट 'आज का दिन' में नितिन ठाकुर के साथ.

'आज का दिन' का सुनने के लिए यहां क्लिक करें

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement