कृषि कानून के खिलाफ सड़क पर किसान, वोटिंग के समय क्यों बदल जाता है मुद्दा, सुनें 'आज का दिन'

आपने देखा होगा कि वक़्त वक़्त पर किसानों के आंदोलन कहीं ना कहीं होते रहते हैं मगर कभी इनका नतीजा निकलता नहीं दिखता. या कहें कि जब चुनाव आता है तब किसानों का गुस्सा वोट के परिणामों में दिखाई नहीं देता.

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कृषि कानून के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन जारी (फोटो-PTI) कृषि कानून के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन जारी (फोटो-PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 27 नवंबर 2020,
  • अपडेटेड 8:31 AM IST

केंद्र सरकार जो कृषि क़ानून लाई थी उस पर किसानों का एक तबका अब भी नाराज़ है. दिल्ली की तरफ़ कूच कर रहा है. इस बार तो कई दिन का राज पानी भी साथ है… यानि तैयारी पूरी है कि अगर मोर्चा लंबा चला तो डटे रहेंगे. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि सरकार ने किसान संगठनों को फिर से बातचीत के लिए बुलाया है.. शायद तीन दिसंबर को बात हो लेकिन एक सवाल है जो हमें उठाना है. आपने देखा होगा कि वक़्त वक़्त पर किसानों के आंदोलन कहीं ना कहीं होते रहते हैं मगर कभी इनका नतीजा निकलता नहीं दिखता. या कहें कि जब चुनाव आता है तब किसानों का गुस्सा वोट के परिणामों में दिखाई नहीं देता. ऐसा क्यों है कि सड़कों पर एकजुट होनेवाला किसान जब वोटिंग बूथ पर पहुँचता है तब उसका मुद्दा बदल जाता है.. यही समझने के लिए हमने बात की आजतक डॉट इन के एडिटर पाणिनी आनंद से.

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आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की ज़मानत पर हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है. सुनवाई के पहले ही उन पर एक एफआईआर और दर्ज हो गई है. बीजेपी विधायक ललन पासवान हैं. उन्होंने लालू पर एनडीए विधायकों को लालच देकर ख़रीदने की कोशिश का आरोप लगाया है तो अब एनडीए लालू पर हमलावर है. तो क्या इस मामले के बाद पहले से जेल में बैठे लालू की मुसीबतें बढ़ गई हैं? बता रहे हैं पटना से आजतक रेडियो रिपोर्टर रोहित कुमार सिंह.

आपको याद होगा मार्च महीने में कोरोना संक्रमण के डर से सरकार ने इंटरनेशनल फ्लाइट्स रोक दी थीं. बाद में इक्का दुक्का हवाई जहाज़ इधर उधर इसलिए गए ताकि विदेश में फँसे भारतीय नागरिकों को देश में लाया जा सके लेकिन पहले जैसे हालात अब भी नहीं हैं. मोटा मोटी पाबंदी क़ायम है. ऐसे में इंटरनेशनल ट्रैवेल को थोड़ा आसान बनाने के लिये इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन यानी आईएटीए कोविड पासपोर्ट लॉन्च करने की योजना बना रही है.. इसे कोरोना पासपोर्ट भी कह रहे हैं लोग.. तो ये है क्या.. सुनिए हमारे सहयोगी शुभम तिवारी की रिपोर्ट..

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कोई ज़माना हुआ करता था जब क्रिकेट का कैलेंडर होता था. पूरे साल बल्ला नहीं बजा करता था लेकिन आजकल टूर्नामेंट ख़त्म होते हैं मैच नहीं. आईपीएल ख़त्म हो गया है तो हमारी टीम ऑस्ट्रेलिया पहुंच गई है. आज पहला वन डे भी है सिडनी में. हमारे टाइम के हिसाब से सुबह 9 बज कर 10 मिनट पर. हमने सोचा एक बातचीत तो होनी बनती है क्योंकि इंडियन टीम ज़रा सी बदली हुई है, बदलाव क्या हैं बात कर रहे हैं हमारे दोस्त रितुराज और खेल पत्रकार मोहम्मद इकबाल. 

और ये भी सुनिए कि 27 नवंबर की तारीख महत्वपूर्ण क्यों है, इतिहास इस पर क्या कहता है. साथ साथ अख़बारों का हाल भी लेंगे. इतना सब कुछ महज़ आधे घंटे में सुनिए मॉर्निग न्यूज़ पॉडकास्ट 'आज का दिन' में नितिन ठाकुर के साथ. 

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