1- रूस और भारत की दोस्ती 70 साल से ज़्यादा पुरानी है. रूस ने अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भार का साथ देने से लेकर 65 के युद्ध में पाकिस्तान के साथ युद्ध होने पर मध्यस्थता कराने जैसे कई मसलों में भारत का साथ दिया. और दोनों देशों के बीच सिर्फ राजनयिक ही नहीं, बल्कि आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संबंध रहे हैं. भारत के औद्योगिकरण में योगदान देने से लेकर रूस की तकनीक और आर्थिक मदद ने भारत के विकास में बड़ी भूमिका निभाई. रक्षा, अंतरिक्ष, परमाणु ऊर्जा, इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी से लेकर कई तरह के डेवलपमेंट में रूस का भारत को लेकर अहम रोल रहा है. आप 1990 से देखें तो जब सोवियत संघ टूट रहा था उस दौर में भारत, रूस की नजदीकी और ज्यादा बढ़ी थी इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच ट्रेड में तेजी आई थी. हालांकि मौजूदा समय में अमेरिका के करीब जाने पर भारत के साथ रूस के उन पुराने रिश्तों में भले ही उतनी गर्मजोशी न दिखती हो लेकिन ग्लोबल लेवल पर आज भी भारत के साथी के तौर पर रूस की ओर ही देखा जाता है. लेकिन अब इस पुरानी दोस्ती का एक नया अध्याय लिखने के लिए इन दिनों रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत आए हुए हैं.
कल भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी मुलाकात हुई. इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ की रूसी रक्षा मंत्री के साथ मीटिंग हुई और साथ ही कल रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भी विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बातचीत की. तो कल भारत और रूस के बीच हुई इन तमाम बातचीत का हासिल क्या रहा? और क्या इस मीटिंग और समझौते के बाद अमेरिका से हमारे रिश्ते प्रभावित हो सकते हैं?
2- तमाम बैंकों के कर्मचारी अपने संगठन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स के बैनर के नीचे सरकार के एक बिल का विरोध करने में जुट गए हैं जो सरकार संसद में पेश करने जा रही है। बिल का नाम है बैंकिंग लॉ अमेंडमेंट बिल। बैंक कर्मचारी संगठन कह रहे हैं कि वो इस बिल के खिलाफ सोलह और सत्रह दिसम्बर को हड़ताल पर जाएंगे। क्योंकि इस बिल से छोटे बैंक से लेकर बड़े बैंकों तक के कर्मचारी परेशान हो जाएंगे और इससे बैंकें प्राइवेट हो जाएंगी. तो इस बिल के बारे में विस्तार से जानेगें और समझेंगे कि बैंकों का निजीकरण करना सही है या ग़लत
3- बिहार में मोटे तौर पर पिछड़ी जाति की संख्या लगभग 25 प्रतिशत है तो वहीं अति पिछड़ी जाति की 30 प्रतिशत. और यही कारण है कि प्रदेश की राजनीति भी इनके इर्द-गिर्द ही घूमती है. कुछ महीने पहले से बिहार में जातीय जनगणना की मांग उठ रही है और इसी को लेकर कल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रेस से बात करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार अपने खर्चे पर राज्य में जातीय जनगणना कराएगी. इससे पहले इस मसले पर अगस्त में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सहित बिहार की 10 पार्टियों के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात भी की थी मगर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था.
बात अगर जातीय जनगणना की करें तो देश में आखिरी बार जातीय जनगणना साल 1931 में हुई थी और यही कारण है कि मौजूदा आंकड़े का पता लगाने के लिए बिहार का सत्ता दल और विपक्ष ताल से ताल मिला रहा है. संसद के विंटर सेशन के दौरान भी विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने CM नीतीश कुमार से मिलकर जातीय जनगणना कराने की मांग की थी और मुख्यमंत्री ने तेजस्वी को भरोसा दिया था कि जल्द जातीय जनगणना को लेकर ऑल पार्टी मीटिंग कर अंतिम रूप दिया जाएगा. तो बिहार की राजनीति में जातीय जनगणना इतनी महत्वपूर्ण क्यों हैं और सत्ता दल से लेकर विपक्ष इसमें अपना क्या राजनीतिक हित देखता है?
4- पिछले महीने जब कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन के बारे में पता चला था तब से लेकर अब तक कई तरह की थ्योरी इसे लेकर दी गई हैं या दी जा रही हैं. बताया गया कि ये डेल्टा वेरिएंट से भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है, वैक्सीन इस पर कम प्रभावी हो सकती है और भी कई तरह की बाते. इन सभी बातों का आधार था ओमीक्रॉन वेरिएंट के 20 से भी ज्यादा म्यूटेशन का होना. लेकिन जैसे-जैसे अब वक्त गुज़र रहा है, इसे लेकर कई तरह की अलग और नई स्टडी, जानकारियां सामने आ रही हैं. इसी कड़ी में ओमीक्रॉन को लेकर दक्षिण अफ्रीका से ओमीक्रॉन के Behaviour पर एक नई स्टडी आई है. दरअसल, साउथ अफ्रीका के steve Biko और tshwane district हॉस्पिटल ने एक स्टडी की जिसमें नवंबर 14 से लेकर नवंबर 29 तक दक्षिण अफ्रीका के कुल 166 ओमीक्रॉन वेरिएंट के केसस को स्टडी किया गया जिसमें ट्रांसमिशन रेट से लेकर ऑक्सीजन डिपेंडेंसी तक पर रिजल्ट निकल कर सामने आए हैं. तो दक्षिण अफ्रीका की ये स्टडी क्या कहती है और इसके आंकड़े किस ओर इशारा करते हैं?
इन ख़बरों पर विस्तार से चर्चा के अलावा ताज़ा हेडलाइंस, देश-विदेश के अख़बारों से सुर्खियां, आज के इतिहास की अहमियत सुनिए 'आज का दिन' में अमन गुप्ता के साथ
7 दिसंबर 2021 का 'आज का दिन' सुनने के लिए यहां क्लिक करें
aajtak.in