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PM मोदी के हाथ में चांदी का छत्र, 84 सेकंड में खत्म हुआ सदियों का इंतजार, प्राण प्रतिष्ठा की तस्वीरें

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 2:56 PM IST
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प्रभु श्रीराम अपने भव्य और दिव्य मंदिर में विराज चुके हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी समेत संत समाज और अति विशिष्ट लोगों की उपस्थिति में रामलला के श्रीविग्रह की प्राण प्रतिष्ठा का ऐतिहासिक अनुष्ठान संपन्न हो चुका है. आइए तस्वीरों के जरिए देखें राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठान.

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उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बने दिव्य और भव्य मंदिर में प्रभु श्री राम के बाल स्वरूप रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है.

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अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुनहरा धोती-कुर्ता पहनकर राम मंदिर पहुंचे. इस दौरान हेलिकॉप्टर से फूल बरसाए गए.

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पीएम मोदी के हाथ में लाल चुनरी पर चांदी का छत्र था. राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 84 सेकेंड का बेहद शुभ मुहूर्त था. 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकेंड से 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकेंड पर पीएम मोदी ने प्राण प्रतिष्ठा पूजा पूरी की.

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पीएम मोदी ने राम मंदिर के गर्भगृह में पूजा अर्चना की और मूर्ति का अनुष्ठान पूरा किया गया. 

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत की उपस्थिति में यह अनुष्ठान पूरा हुआ है.

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फिर पीएम मोदी ने रामलला के बाल स्वरूप की आरती की. इसके बाद सभी भक्तजनों को रामलला की पहली झलक दिखाई दी.

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पीएम मोदी ने रामलला की आरती की और परिक्रमा कर प्राण प्रतिष्ठा का विधि विधान पूरा किया.

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इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ ने शीश झुकाकर रामलला का आशीर्वाद लिया.

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 भगवान राम का प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान संपन्न होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामलला को साष्टांग प्रणाम किया.

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पीएम मोदी की आंखों में रामलला के प्रति भावुकता साफ झलक रही थी.

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इसके बाद पीएम मोदी ने मंदिर से निकलकर साधु-संत द्वारा चरणामृत का सेवन कर अपना 11 दिन का उपवास तोड़ा. 

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बता दें इस मूर्ति को कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाया है जिसे शालीग्राम शिला से बनाया गया है. यह काले रंग का पत्थर होता है. 

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शास्त्रों और धर्म ग्रंथों में शालीग्राम पत्थर को साक्षात भगवान विष्णु का स्वरूप माना गया है और मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम भगवान विष्णु के ही सातवें अवतार माने गए हैं. 

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