देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. आज, 8 दिसंबर को लगातार सातवें दिन भी देश के कई एयरपोर्ट्स पर यात्रियों को फ्लाइट में देरी और कैंसिलेशन का सामना करना पड़ रहा है. इस महीने अब तक इंडिगो की 4,000 से अधिक फ्लाइट्स कैंसिल हो चुकी हैं. फ्लाइट कैंसिल होने पर मुसाफिरों ने इंडिगो हाय-हाय के नारे लगाए. इंडिगो के काउंटर पर मुसाफिरों ने हल्ला बोला. आरोप है कि जो फ्लाइट कैंसिल हुई है उसका रिफंड नहीं मिल रहा है और जो रीशेड्यूल हुई है उसमें कनेक्टिंग फ्लाइट कैंसिल है. ऐसे में किस तरह यात्री अपनी मंजिल तक पहुंचे.
देश के कई एयरपोर्ट्स पर अफरातफरी की स्थिति है. यात्रियों के जरूरी काम छूट गए हैं. पढ़ाई, परीक्षा, नौकरी, शादी, कारोबार, इलाज तक के लिए लोग छटपटा कर रह गए हैं. इंडिगो सरकारी चाबुक के बाद टिकट के पैसे तो वापस कर रहा है लेकिन हजारों यात्रियों का सामान उनके कब्जे में पड़ा हुआ है. सरकार ने जवाब तलब किया है. जिसके लिए आज शाम 6 बजे तक की मोहलत मांगी है.
आज, 8 दिसंबर को भी देश के अलग-अलग शहरों से इंडिगो की 400 से अधिक उ़डानें रद्द हो चुकी हैं. इंडिगो ने यात्रियों को कह दिया है कि पहले फ्लाइट का पता लगा लें तभी घर से निकलें. लेकिन जो यात्री एयरपोर्ट पहुंच रहे हैं और उनकी उड़ान रद्द नहीं भी हुई है, वो भी कम मुसीबतों का सामना नहीं कर रहे हैं.
भारत में और भारत से बाहर आने-जाने वाले विमान यात्री तो खैर परेशान हैं ही लेकिन जिन यात्रियों का सामान इंडिगो वालों के कब्जे में है,उनकी तादाद भी हजारों में है. अलग-अलग एयरपोर्ट पर यात्रियों के सूटकेस की लाइनें लगी हैं.
इस बीच इंडिगो ने यात्रियों का सामना लौटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. दिल्ली एयरपोर्ट पर हज़ारों की संख्या में यात्रियों के डिपार्चर और अराइवल में बैग/सूटकेस इकट्ठा हैं. हर एक बैग की पहचान करके मुसाफ़िरों के घर तक पहुंचाने की तैयारी है. इंडिगो द्वारा थर्ड पार्टी आउटसोर्स की गई कंपनी के ज़रिए यात्रियों का सामान उनके घर पहुंचाया जाएगा.
बैगेज पर लगे टैग के ज़रिए यात्रियों की पहचान करके उन्हें फोन कॉल किया जा रहा है. उनके घर के एड्रेस पर इंडिगो बैग भिजवा रही है. हर सेक्टर के बैग की पहचान करके मुसाफ़िरों से संपर्क किया जा रहा है और उनके घर पर ही बैग भिजवाने की व्यवस्था की जा रही है.
सरकार ने इंडिगो को कारण बताओ नोटिस दे रखा है. इस नोटिस का जवाब देने से पहले इंडिगो ने वापस डीजीसीए को चिट्ठी लिखकर जवाब तैयार करने के लिए थोड़ा वक्त मांगा, जिसे डीजीसीए की ओर से मंजूरी दे दी गई और अब शाम 6 बजे तक इंडिगो को बताना है कि अदालत के आदेश और डीजीसीए के साफ निर्देशों के बावजूद आखिर ये अफरातफरी का माहौल क्यों मचा हुआ है.
बता दें कि इंडिगो की उड़ानों में ये परेशानी आज से नहीं 1 नवंबर से ही शुरू हो गई थी. जब डायरेक्टरेट ऑफ सिविल एविएशन यानी डीजीसीए ने फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशंस के नियमों का दूसरा चरण लागू किया था. लेकिन दिसंबर शुरू होते-होते पायलट्स के रोस्टर का इंतजाम करने में नाकाम रही इंडिगो की अक्षमता का नतीजा सामने आने लगा. देश भर में इंडिगो की उ़ड़ानें रद्द होने लगीं. हालांकि, इंडिगो की ओर से कहा गया है कि 8 दिसंबर के बाद से हालात में सुधार नजर आने लगेगा लेकिन आज तक सूरत यही है कि देश भर में हवाई अड्डों पर इंडिगो के यात्री बहुत परेशानी झेल रहे हैं.
दरअसल, विमान यात्रा के सुरक्षा मानकों के हिसाब से इंडिगो न तो अपने पायलट्स को आराम दे रहा था और न ही विमान परिचालन के सभी मानकों पर खरा उतर रहा था. इसे लेकर पायलटों के संगठन ने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था. वहां से आदेश के बाद डीजीसीए ने सुरक्षित नागरिक विमान सेवा के आवश्यक नियम लागू कर दिए. इसे दो चरणों में लागू किया जाना था जिसका पहला चरण 1 जुलाई से लागू हो चुका था और दूसरा चरण 1 नवंबर से लागू हो चुका था. लेकिन नए नियमों के पालन में जिस तरह इंडिगो प्रशासन ने हाथ पांव पसार दिए उसे देखते हुए डीजीसीए ने 10 फरवरी तक इसे लागू करने की फौरी राहत दी है.
इस नियम के तहत पायलट को हफ्ते में 36 की जगह 48 घंटे का आराम जरूरी किया गया था. जिसमें लंबी उड़ानों के बाद पायलटों को 24 घंटे का रेस्ट जरूरी था पालयटों को 6 की जगह अधिकतम 2 नाइट लैंडिंग की इजाजत दी. जिसमें नाइट लैंडिगं का समय भी रात 12 से सुबह 5 की जगह रात 12 से सुबह 6 बजे तक कर दिया गया था. पालयट्स से फ्लाइट के पहले और बाद में 1 घंटे से अधिक काम नहीं लेने का आदेश था.
इन नियमों के अनुसार, पायलट को 28 दिनों में 100 घंटे से अधिक काम करने की इजाज़त नहीं है. ये नियम जैसे ही लागू हुए इंडिगो की पोल खुल गई. उसने अड़ियल रुख दिखाते हुए न तो नियमों के पालन करने में अपनी अक्षमता सरकार को बताई और न ही अपनी तैयारी की. नतीजा लाखों आम विमान यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है.