'पुराने झगड़े खत्म करने के लिए तैयार, लेकिन...', उद्धव ने राज ठाकरे के साथ आने के लिए रखीं ये शर्तें

एक कार्यक्रम के दौरान उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमने लोकसभा चुनाव के वक्त कहा था कि महाराष्ट्र के उद्योग और व्यवसाय गुजरात जा रहे हैं, उस वक्त अगर आपने (राज ठाकरे) विरोध किया होता, तो केंद्र में आज जो सरकार बैठी है, वह नहीं बैठी होती और केंद्र में महाराष्ट्र का हित समझने वाली सरकार हमने स्थापित की होती. उन्होंने दो टूक कहा कि कभी समर्थन, कभी विरोध, कभी समझौता- यह नीति अब नहीं चलेगी.

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उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे

मुस्तफा शेख

  • मुंबई,
  • 19 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 6:04 PM IST

महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर हलचल बढ़ गई है. इसकी वजह है राज ठाकरे का एक बयान. दरअसल, महेश मांझरेकर के साथ एक पॉडकास्ट में राज ठाकरे ने एक बयान दिया, उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के अस्तित्व के सामने ये सब झगड़े छोटे नजर आते है, साथ में आना ये कोई कठिन बात नहीं है, लेकिन सवाल इच्छा का है. इसके बाद सियासी हलकों में ये सवाल उठने लगा कि क्या 
उद्धव और राज ठाकरे साथ आ रहे हैं? 

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उधर, राज ठाकरे के बयान पर उद्धव ठाकरे की प्रतिक्रिया भी सामने आ गई है. उन्होंने कहा कि छोटे-मोटे झगड़ों को खत्म करने के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्होंने राज ठाकरे के सामने शर्त भी रखी है, उन्होंने कहा कि जो भी महाराष्ट्र के हित के खिलाफ होगा उसे घर बुलाकर खाना नहीं खिलाएंगे. 

एक कार्यक्रम के दौरान उद्धव ठाकरे ने मराठी एकता और महाराष्ट्र के हित के लिए हाथ बढ़ाते हुए बड़ा बयान दिया. उद्धव ने कहा कि मराठी और महाराष्ट्र के लिए जो भी निरर्थक झगड़े हैं, मैं उन्हें खत्म करने को तैयार हूं. मैं सभी मराठी लोगों से अपील करता हूं कि वे एक हों और महाराष्ट्र के हित में साथ आएं. उन्होंने कहा कि हमने लोकसभा चुनाव के वक्त कहा था कि महाराष्ट्र के उद्योग और व्यवसाय गुजरात जा रहे हैं, उस वक्त अगर आपने (राज ठाकरे) विरोध किया होता, तो केंद्र में आज जो सरकार बैठी है, वह नहीं बैठी होती और केंद्र में महाराष्ट्र का हित समझने वाली सरकार हमने स्थापित की होती. साथ ही राज्य में भी महाराष्ट्र के हित सोचने वाली सरकार बैठी होती. हमने कामगार कानून जैसे काले कानून उखाड़ फेंके होते. उन्होंने दो टूक कहा कि कभी समर्थन, कभी विरोध, कभी समझौता- यह नीति अब नहीं चलेगी.

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राज ठाकरे के सामने रखीं ये शर्तें

उद्धव ने राज ठाकरे को लेकर कहा कि पहले आप ये तय कर लें कि मैं महाराष्ट्र के हित से समझौता नहीं करूंगा, न ही ऐसे लोगों को अपने घर बुलाऊंगा, न उनके घर जाऊंगा, न मंच साझा करूंगा. ऐसे लोगों की आवभगत नही करूंगा. उनके साथ नहीं बैठूंगा. फिर आप महारष्ट्र हित की बात करें. बाकी रही बात झगड़े की, तो वैसे भी मेरा किसी के साथ झगड़ा नहीं था, लेकिन आज मैं सारे झगड़े खत्म करता हूं.

किसके साथ जाना है ये तय करें: उद्धव

उद्धव ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र के हित के लिए अब सभी मराठी लोग तय करें कि भाजपा के साथ जाना है या हमारे साथ? लेकिन एकनाथ शिंदे की गद्दार सेना का साथ नहीं लेंगे. महाराष्ट्र का हित बस यही एक मेरी शर्त है. उन्होंने कहा कि आप लोग तय करें कि किसके साथ जाकर महाराष्ट्र का हित होगा, मेरे साथ या भाजपा के साथ.

महाराष्ट्र के दुश्मन को अपने घर में जगह न दें: संजय राउत

वहीं, उद्धव गुट के सांसद संजय राउत ने कहा कि राज ठाकरे ने कहा है कि अगर दोनों भाइयों के बीच कोई शिकायत है, तो मैं अपना अहंकार अलग रखूंगा और महाराष्ट्र के सर्वोत्तम हितों के लिए इसे (शिकायत) दूर करूंगा. जिस पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि हम भाई हैं और हमारे बीच कोई शिकायत नहीं है और अगर कोई है, तो मैं उसे दूर करूंगा. लेकिन, आपको महाराष्ट्र और शिवसेना (यूबीटी) के दुश्मन को अपने घर में जगह नहीं देनी चाहिए. अगर आप इस पर सहमत हैं, तो हम निश्चित रूप से बात करेंगे.
 

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