घुसपैठियों के विरोध में राज ठाकरे की बड़ी रैली, बोले- भारत कोई धर्मशाला नहीं

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे अपने हिंदुत्ववादी रुख को तेज करते हुए रविवार को सड़कों पर उतरे. उन्होंने अवैध पाकिस्तानी-बांग्लादेशी प्रवासियों को देश के बाहर निकालने के लिए जुलूस निकाला.

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महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने मुंबई में निकाला मोर्चा (Photo-Mandar Deodhar) महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने मुंबई में निकाला मोर्चा (Photo-Mandar Deodhar)

सौरभ वक्तानिया

  • मुंबई,
  • 09 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 10:08 PM IST

  • महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने मुंबई में निकाला मोर्चा
  • शिवसेना ने मनसे की रैली को सिरे से किया खारिज
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे अपने हिंदुत्ववादी रुख को तेज करते हुए रविवार को सड़कों पर उतरे. उन्होंने अवैध पाकिस्तानी-बांग्लादेशी प्रवासियों को देश के बाहर निकालने के लिए जुलूस निकाला. इसमें हजारों की संख्या में पार्टी के समर्थक पहुंचे. रैली को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं.

पार्टी ने प्रचार के लिए शनिवार को टीजर लॉन्च किया था. राज ठाकरे साथ उनके बेटे अमित ठाकरे भी रहे जिन्हें पिछले हफ्ते मनसे के महाधिवेशन में 'नेता' के रूप में औपचारिक रूप से लॉन्च किया गया था.

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सीएए के लिए स्पष्ट समर्थन दिखाते हुए राज ठाकरे ने कहा, 'पाकिस्तान में हिंदू अल्पसंख्यक हैं, उन्हें यहां नागरिकता देने में क्या गलत है?' NRC के विवादित मुद्दे पर राज ठाकरे ने कहा कि भारत अवैध प्रवासियों के लिए धर्मशाला नहीं था. उन्होंने कहा कि हर देश अपने नागरिकों के लिए सख्त कदम उठाता है. वे उन्हें निर्वासित करते हैं या उन्हें जेल भेजते हैं. केवल हम मानवता के बारे में बात करते हैं.'

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पार्टी ने हालांकि स्पष्ट कर दिया है कि यह जुलूस सीएए-एनआरसी-एनपीआर के समर्थन में नहीं है, लेकिन यह देश में अवैध रूप से रह रहे पाकिस्तानी-बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ है.

इससे पहले 9 फरवरी को निकाले जाने वाले विभिन्न प्रोमो में से एक में कहा गया है, "भारत मेरा देश है. सभी भारतीय मेरे भाई और बहन हैं. लेकिन पाकिस्तानी और बांग्लादेशी घुसपैठिए मेरे भाई-बहन नहीं हैं. वे भारतीय नहीं हैं."

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इस दौरान गिरगांव चौपाटी से आजाद मैदान तक जुलूस निकाला जाएगा, जिसमें मांग की जाएगी कि पड़ोसी देशों के अवैध नागरिकों की पहचान की जाए और उन्हें भारत से बाहर खदेड़ दिया जाए.

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इससे पहले मुंबई पुलिस ने मनसे को मुस्लिम बहुल दक्षिण-मध्य मुंबई में मोहम्मद अली रोड से जुलूस निकालने की अनुमति देने से मना कर दिया था. 23 जनवरी को शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बालासाहेब ठाकरे की 94वीं जयंती पर हुए एक बड़े सम्मेलन में मनसे ने एक नए ध्वज, प्रतीक, विचारधारा और एजेंडे की घोषणा की थी. इस कार्यक्रम के बाद पार्टी द्वारा किया जाने वाला यह पहला बड़ा सार्वजनिक आयोजन होगा.

शिवसेना ने मोर्चा को किया खारिज

वहीं शिवसेना ने मनसे की रैली को सिरे से खारिज कर दिया. किसानों के मुद्दे पर बैठक करने जा रही शिवसेना ने कहा कि हम महाराष्ट्र के विकास और किसानों के मुद्दों पर बात करेंगे. शिवसेना विधायक दिलीप लांडे ने कहा कि मनसे के मोर्चे का कोई मतलब नहीं है. हम महाराष्ट्र के विकास के लिए काम कर रहे हैं. पूरा महाराष्ट्र उद्धव ठाकरे के साथ खड़ा है.

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