फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती हैं कश्मीर के असली दुश्मन: शिवसेना

शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में एक बार फिर कश्मीर मुद्दा उठाया. शिवसेना ने कहा कि कश्मीर के असली दुश्मन फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती हैं. 

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नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला (फाइल फोटो- IANS) नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला (फाइल फोटो- IANS)

मुस्तफा शेख

  • नई दिल्ली,
  • 04 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 5:08 PM IST

शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में एक बार फिर कश्मीर मुद्दा उठाया. शिवसेना ने कहा कि कश्मीर के असली दुश्मन फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती हैं. धारा 370 पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयान का जिक्र करते हुए शिवसेना ने कहा कि कश्मीर के लिए असली खतरा पाकिस्तान से नहीं, अब्दुल्ला और मुफ्ती जैसे राजनेताओं से है. शिवसेना ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इन राजनेताओं को सबक सिखाना चाहिए, जैसे पाकिस्तान को सिखाया गया.

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शिवसेना में छपे लेख के मुताबिक, ‘खुद को कश्मीर का नेता कहलवाने वाले फारूक अब्दुल्ला जैसे लोगों ने धारा 370 हटाने का केवल विरोध नहीं बल्कि अगल होने की भी धमकी दी है. अब्दुल्ला कहते हैं कि अगर धारा 370 तात्कालिक होगी तो हिंदुस्तान में कश्मीर का विलय भी तात्कालिक ही समझो.’ वहीं, सामना में महबूबा मुफ्ती पर जमकर निशाना साधा गया है.

गौरतलब है कि धारा 370 जम्मू-कश्मीर को विशेष अधिकार देता है. जिसके प्रावधानों के तहत राज्य का अपना अलग संविधान, अलग झंडा और अलग कानून है. साथ ही संसद केवल रक्षा, विदेश और संचार के मामलों में जम्मू-कश्मीर के लिए कानून बना सकती है. बाकी मामलों पर कानून बनाने का अधिकार राज्य के पास है. 

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला कई मौकों पर धारा 370 और 35ए को हटाने के विरोध में आवाज बुलंद कर चुके हैं. उन्होंने लोकसभा चुनाव में एनडीए सरकार को भारी बहुमत मिलने पर कहा था कि नरेंद्र मोदी को भले ही जनादेश कितना भी शक्तिशाली क्यों न मिला हो,  वह धारा 370 और 35ए को नहीं हटा सकते हैं.

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वहीं पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती धारा 370 को भारत और जम्मू-कश्मीर के बीच सेतु बता चुकी हैं. उनका कहना है कि धारा 370 जम्मू-कश्मीर और भारत के बीच सेतु का काम करता है और अगर इसे हटाया जाएगा तो प्रदेश के लोग यह सोचने पर मजबूर होंगे कि क्या वे नई दिल्ली के साथ रहना चाहते हैं या नहीं.

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