महाराष्ट्र के शिक्षण संस्थानों में सवर्ण आरक्षण इस सत्र में नहीं: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर सवर्ण आरक्षण को लागू किया जाता है तो एडमिशन की पूरी प्रक्रिया प्रभावित हो जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आर्थिक तौर पर पिछड़े सवर्णों को एडमिशन में छूट देने के लिए पहले सीटों की संख्या भी बढ़ाई जानी चाहिए.

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10 फीसदी आरक्षण इस सत्र में नहीं होगा लागू 10 फीसदी आरक्षण इस सत्र में नहीं होगा लागू

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 30 मई 2019,
  • अपडेटेड 11:56 AM IST

महाराष्ट्र में शैक्षणिक सत्र 2019-20 में आर्थिक तौर पर पिछड़े सामान्य वर्ग के छात्रों को 10 फीसदी सवर्ण कोटा का लाभ नहीं मिल पाएगा. मेडिकल व पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेजों में दाखिलों के लिए इस साल यह कोटा लागू नहीं किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने सवर्ण विद्यार्थियों को 10 फीसदी आरक्षण देने से मना कर दिया है.

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में स्पष्ट किया है कि संस्थानों में दाखिले की प्रक्रिया नवंबर से शुरू है और आरक्षण से जुड़ा प्रावधान बाद में आया है. इसलिए इसे पहले से लागू नहीं किया जाएगा.

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इस फैसले से 25 छात्र प्रभावित होने वाले हैं. महाराष्ट्र सरकार को भी कोर्ट के इस फैसले से झटका लगा है. इस वर्ष सवर्ण आरक्षण का लाभ आर्थिक तौर पर पिछड़े सवर्णों को नहीं मिल पाएगा.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर सवर्ण आरक्षण को लागू किया जाता है तो एडमिशन की पूरी प्रक्रिया प्रभावित हो जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आर्थिक तौर पर पिछड़े सवर्णों को एडमिशन में छूट देने के लिए पहले सीटों की संख्या भी बढ़ाई जानी चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट ने सवर्ण आरक्षण पर सुनवाई करते हुए इस संबंध में अंतरिम आदेश जारी किया है. महाराष्ट्र सरकार ने सवर्ण आरक्षण के खिलाफ दाखिल याचिका को खारिज करने की अपील की थी.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर आर्थिक तौर पर पिछड़े सवर्णों को आरक्षण का लाभ दिया जा रहा है तो नियत समय के भीतर सीटों की संख्या भी मेडिकल कॉलेजों समेत अन्य पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेजों में भी बढ़ाई जानी चाहिए थी जो कि इस सत्र में बढ़ाना संभव नहीं है. इसलिए सवर्ण आरक्षण को इस सत्र के लिए लागू नहीं किया जाना चाहिए.

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