भूस्खलन से तबाह हुआ महाराष्ट्र का मलिण गांव एक बार फिर आबाद होने जा रहा है. मलिण में हुई भूस्खलन दुर्घटना को लगभग तीन साल पूरे होने वाले हैं. मलिणवासीयों को रविवार को फिर से बसाया गया मलिण गांव मिलने जा रहा है. ऐसा कहा जा रहा है कि ये महाराष्ट्र का पहला स्मार्ट ग्राम होगा.
नये घरों में प्रवेश करेंगे लोग
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस की मौजूदगी में मलिणवासी नए गांव के अपने नये मकानों में गृह प्रवेश करेंगे. इस नए मालिन गांव में कई नई चीजें हैं. जैसे ग्राम पंचायत, तलाठी कार्यालय, पक्की सड़क, गांव वालों के सभी जानवरों को रखने के लिए एक शेड, पानी, बिजली, स्कूल, सार्वजनिक शौचालय, समाज मंदिर, आरोग्य केंद्र, बागीचा और गांव को लुभावने रंगों से सजाया गया है.
भूस्खलन की जगह पर स्मारक
भूस्खलन की जगह एक स्मारक बनाया गया है, जिस जगह पुराना मलिण गांव बसा था. राज्य और केंद्र सरकार की कोशिश से पिछले डेढ़ साल में महाराष्ट्र राज्य का पहला स्मार्ट ग्राम बना है. भूस्खलन दुर्घटना में 151 गांव वालों की मौत हो गई थी. नई पहचान लेकर अपने दुखों को भुलाकर मलिणवासी नए सिरे से जिंदगी शुरू करने जा रहे हैं.
दफन हो गया था गांव
30 जुलाई 2014 में पुणे जिले के आंबेगांव तहसील में मलिण गांव में भारी बारिश के कारण भूस्खलन हुआ. पहाड़ी खिसकने से लाखों टन मिट्टी, बड़े-बड़े पत्थर के नीचे मलिण गांव पूरी तरह से दफन हो गया था. उस वक्त राहत कार्य में स्थानिय लोग, प्रशासन, NDRF, दमकल विभाग, पुलिस कर्मचारियों ने मिलकर दिन-रात एक कर दिया था. शुरुआत में जगह की कमी के कारण एक साल व्यर्थ गया. जगह मिल जाने के बाद करीब डेढ़ साल बाद नये गांव को बनाया गया.
पंकज खेळकर / सुरभि गुप्ता