महाराष्ट्रः रायगढ़ बिल्डिंग हादसे पर एक्शन में पुलिस, बिल्डर समेत 5 के खिलाफ FIR

मुकदमे में इमारत के बिल्डर फारुख काजी, आर्किटेक्ट गौरव शाह, बिल्डिंग के आरसीसी सलाहकार बाहुबली धमाने, महाड नगर पालिका के कार्यकारी अधिकारी दीपक झिंझाड़ और बिल्डिंग इंस्पेक्टर शशिकांत दिघे को आरोपी बनाया गया है.

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रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी है एनडीआरएफ रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी है एनडीआरएफ

पंकज खेळकर

  • रायगढ़,
  • 25 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 8:44 PM IST
  • लगाई गईं आईपीसी की धारा 304 समेत गंभीर धाराएं
  • नगर पालिका अधिकारी, बिल्डिंग इंस्पेक्टर भी आरोपी 
  • साल 2013 में पूरा हुआ था गिरी इमारत का निर्माण

महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में सोमवार को तालाब के किनारे बनी एक पांच मंजिला इमारत गिर गई थी. तारिक बिल्डिंग नामक इस इमारत के मलबे से मंगलवार की शाम 4 बजे तक 11 लोगों के शव निकाले जा चुके थे, जबकि आठ लोगों को सही-सलामत बाहर निकाल लिया गया था. अब भी मलबे में पांच लोगों के दबे होने की आशंका है. नेशनल डिजास्टर रेस्क्यू फोर्स (एनडीआरएफ) की आठ टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हैं.

राहत और बचाव कार्य पूरा होने की ओर है, वहीं अब पुलिस-प्रशासन भी हरकत में आ गया है. पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों के खिलाफ धारा 304, 337, 338 और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है. इसमें इमारत के बिल्डर फारुख काजी, आर्किटेक्ट गौरव शाह, बिल्डिंग के आरसीसी सलाहकार बाहुबली धमाने, महाड नगर पालिका के कार्यकारी अधिकारी दीपक झिंझाड़ और बिल्डिंग इंस्पेक्टर शशिकांत दिघे को आरोपी बनाया गया है. आईपीसी की धारा 304 के तहत जुर्म सिद्ध होने पर कम से कम 10 साल से लेकर उम्र कैद तक की सजा का प्रावधान है.

इस संबंध में रायगढ़ की जिलाधिकारी निधि चौधरी ने बताया कि बिल्डिंग का निर्माण साल 2013 में पूरा हुआ था. साल 2013 में ही बिल्डिंग का निर्माण पूर्ण होने का सर्टिफिकेट दिया गया था. उन्होंने इमारत के गिरने के पीछे जर्जर हालत को वजह बताया. गौरतलब है कि इस हादसे के बाद भी आजतक से बात करते हुए रायगढ़ की जिलाधिकारी ने कहा था कि इस हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

बता दें कि रायगढ़ की इस इमारत में 40 फ्लैट थे. जिसमें लगभग 84 लोगों के रहने की बात कही जा रही है. हादसे में 60 लोग पूरी तरह सुरक्षित हैं. 24 लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका जताई गई थी. इनमें से 19 लोगों को मलबे से निकाला जा चुका है. एनडीआरएफ और स्थानीय पुलिस ने मलबे से 11 लोगों के शव और आठ लोगों को जीवित बाहर निकाल लिया.

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