पूर्व सांसद प्रकाश आंबेडकर को गुरुवार को अहमदनगर के कोपरडी गांव जाने से पुलिस ने रोका. भारिपा बहुजन महासंघ के राष्ट्रिय नेता प्रकाश आंबेडकर बलात्कार और हत्या की शिकार 15 साल की नाबालिक लड़की के परिवार से मिलने जा रहे थे.
क्यों रोका गया पीड़ित परिवार से मिलने से
भारत रत्न बाबा साहेब आंबेडकर के पोते प्रकाश आंबेडकर, गुरुवार को अहमदनगर के कोपरडी गांव जाने लिए पुणे से रवाना हुए. वे आधा रास्ता सफर कर चुके थे तब उनका फोन बजा, उनके अहमदनगर के कार्यकर्ता ने फोन पर बताया के अहमदनगर के पुलिस अधिक्षक सौरभ त्रिपाठी ने धारा 149 को नोटिस दिया है. प्रकाश आंबेडकर का कोपरडी गांव जाने से तनाव का माहौल पनप सकता है और इसी लिए उन्हें वहां जाने से रोका जा रहा है. प्रकाश आंबेडकर ने तुरंत अहमदनगर के पुलिस अधिक्षक से मोबाइल से संपर्क किया और इस बात की पुष्टि करने के बाद , उनको शिरूर गांव से पुणे लौटना पड़ा.
पुणे में पत्रकार परिषद् में उन्होंने बताया के उन्हें अहमदनगर पुलिस सुपरिटेंडेंट ने खुफिया जानकारी दी कि गांव में कुछ समाज कंठक प्रकाश आंबेडकर पर, प्याज, अंडे और टमाटर फेकने का प्लान बनाए हुए हैं. और वो ये इसलिए करना चाहते है ताकि गांव में तनाव बढ़े, हिंसा भी हो.
प्रकाश आंबेडकर ने कहा कि अगर कोई बड़ा नेता पत्र निकालकर मुझे वहां जाने से रोकता तो में समझ सकता था. लेकिन उस गांव का एक व्यक्ति जिस पर कई संगीन आरोप है उसने गांव में मीटिंग लेकर बताया कि मुझे आलू मारेंगे, टमाटर, अंडे मारेंगे, तो मुझे ऐसे लगता है कि उस शख्स का मकसद है कि चश्मदीदों को डराया जाए.
शरद पवार का हस्तक्षेप करना जरूरी
प्रकाश आंबेडकर ने एनसीपी के नेता शरद पवार से गुजारिश की वो इस मामले में हस्तक्षेप करे और स्थानिक नेताओं को इस नाजुक मामले में राजनीति करने से रोके. भारिपा बहुजन महासंघ के इस राष्ट्रिय नेता ने आरोप लगाया के राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के विचारधारा का स्तर गिर चुका है, वो किसी भी बात को गंभीरता से नहीं लेते हैं. महाराष्ट्र के विधान सभा में इस मामले में शुरू सत्ताधारी और विपक्ष के आरोप-प्रत्यारोप को गैरजिम्मेदाराना बताया.
प्रकाश आंबेडकर के मुताबिक कोपरडी गांव के ही कुछ व्यक्ति, नहीं चाहते कि चश्मदीद सामने आकर पुलिस को इसमें मामले की गवाही दे , मदद करे. इसीलिए ये षड्यंत्र रचा गया के जब प्रकाश आंबेडकर कोपरडी गांव में आये तो उनके खिलाफ नारेबाजी कर के, उन्हें गांव में आने से रोकें. प्रकाश आंबेडकर के मुताबिक फिलहाल वो कोपरडी भले ही ना जाए लेकिन वो गांव का माहौल शांत होने के बाद में वहां पीड़ित परिवार से मिलने जरूर जाएंगे.
प्रियंका झा / पंकज खेळकर