बीजेपी को रोकने के लिए विपक्षी पार्टियों के बड़े गठबंधन को लेकर काफी समय से बातचीत चल रही है. विपक्ष के कई बड़े दल नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार को इसका नेतृत्व सौंपने की तैयारी कर रहे थे. इस बीच NCP प्रमुख ने गठबंधन का नेतृत्व करने से इनकार कर दिया है.
शरद पवार ने साफ कर दिया है कि अगर विपक्षी पार्टियां साथ आती हैं तो वे उसका नेतृत्व करने के लिए तैयार नहीं हैं. हालांकि, उन्होंने कहा है कि वे विपक्ष को एक मंच पर लाने में अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं. शरद पवार ने गठबंधन के नेतृत्व से फिलहाल खुद को पीछे रखने का फैसला किया है.
शरद पवार को क्यों किया जा रहा था आगे?
दरअसल, महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी का प्रयोग हुआ. एनसीपी-शिवसेना और कांग्रेस ने मिलकर सरकार बनाई. जिसमें शरद पवार की भूमिका अहम थी. इसलिए विपक्ष को उम्मीद है कि शरद पवार पूरे देश में विपक्ष को एकजुट कर सकते हैं. इसके अलावा कांग्रेस के नेतृत्व करने पर भी लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं. विपक्षी पार्टियों को शरद पवार इसके लिए उपयुक्त लग रहे हैं.
शरद पवार को यूपीए चेयरमैन बनाने की मांग
बता दें कि पिछले कुछ दिनों से शरद पवार को यूपीए का चेयरमैन बनाने की मांग की जा रही थी. उनकी पार्टी के अलावा शिवसेना सांसद संजय राउत ने भी शरद पवार के यूपीए चेयरमैन बनने का समर्थन किया था. इसके अलावा कुछ महीनों पहले बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी शरद पवार से मुलाकात की थी. उन्होंने कहा था कि शरद पवार वरिष्ठ नेता हैं, सारे लोग उनकी बात सुनते हैं.
साहिल जोशी