पहलगाम हमले पर MVA में मतभेद? कांग्रेस और शरद पवार केंद्र के साथ तो उद्धव गुट ने उठाए सवाल

सिंधुदुर्ग में पत्रकारों ने जब शरद पवार पहलगाम हमले को लेकर हो रही राजनीति पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कश्मीर में जो हुआ उस पर सारे देश को एक साथ सरकार के साथ खड़े होने की जरूरत है. वहां राजनीती लाने की जरूरत नहीं है.

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राहुल गांधी, शरद पवार और उद्धव ठाकरे (फाइल फोटो) राहुल गांधी, शरद पवार और उद्धव ठाकरे (फाइल फोटो)

अभिजीत करंडे

  • मुंबई,
  • 25 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 6:04 PM IST

कश्मीर के पहलगाम मे सैलानियों पर हुए हमले के बाद महाराष्ट्र की राजनीती में महाविकास आघाडी मे कलह देखने को मिल रहा है. जहां शिवसेना (UBT) के नेता संजय राऊत पहले दिन से देश के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को निशाना बना रहे है, उसी वक्त NCP (SP) के प्रमुख शरद पवार ने कहा कि आतंकी हमले जब देश में होते हैं, तब उस पर कोई आपसी राजनीति नहीं होनी चाहिए. 

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दरअसल, सिंधुदुर्ग में पत्रकारों ने जब शरद पवार पहलगाम हमले को लेकर हो रही राजनीति पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, “कश्मीर में जो हुआ उस पर सारे देश को एक साथ सरकार के साथ खड़े होने की जरूरत है. वहां राजनीती लाने की जरूरत नहीं है. आतंकवादियों ने जो हमला किया, वह देश पर किया हुआ हमला है और जब-जब देशपर हमला होता है, तो राजनीती नहीं करनी चाहिए. हम इसी तरीके से सोचते हैं.”

आगे उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री ने ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई थी. हमारी पार्टी की ओर से सांसद सुप्रिया सुले उसमें शामील हुई थीं. उन्ंहोने वहां पर अपनी बात रखी है और मुझे आनंद है कि सारी राजनीतिक पार्टियों ने सरकार के साथ खड़े रहने का निर्णय लिया है.

सरकार गंभीरता से ले आतंक का मुद्दा: पवार

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हालांकि शरद पवार ने गृहमंत्री अमित शाह के पुराने बयानों को ध्यान मे रखते हुए कहा कि बार-बार ऐसा जताया गया कि आतंकवाद खत्म हो गया. अब चिंता की कोई जरूरत नहीं है. ऐसा होता तो हमें भी आनंद होता. लेकीन अगर हम देखें तो आतंक खत्म करने के लिए हमने जो कदम उठाए, उसमें अभी भी कमी दिखती है. वह कमी सरकार को दूर करनी पड़ेगी. सरकार उसके लिए तुरंत कदम उठाए. हम सरकार के साथ खड़े हैं.

शिवसेना (यूबीटी) का रुख इससे अलग

शिवसेना (UBT) इसी मुद्दे को लेकर अमित शाह और प्रधानमंत्री को घेरने की कोशिश में है. शिवसेना के सांसद संजय राऊत ने हमले दिन ही ट्विट करके इसे सरकार की नाकामी का नतीजा बताया था.  इतना ही नहीं, उन्ंहोने सरकार के सर्वदलीय बैठक बुलाने फैसले पर भी ट्वीट किया था. उन्होंने इस पर भी सरकार को घेरा था.

क्या है कांग्रेस का रुख?

कांग्रेस ने सावधानपूर्वक सीधे तौर पर सरकार पर निशाना साधने से खुद को बचा लिया है. प्रदेश के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने भी जो आंदोलन किया, वह आतंकवाद और पाकिस्तान के खिलाफ था. उन्होने कहा कि आतंकवाद खत्म करने के लिए सरकार जो भी कदम उठाए, हम उनके साथ है. इसके अलावा सर्वदलीय बैठक में भी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी सांसग राहुल गांधी ने सरकार के हर कदम के साथ खड़े रहने का आश्वासन दिया था.

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