मुंबई में वोटर लिस्ट में बड़े डुप्लीकेशन को लेकर एक बड़ा विवाद सामने आया है, जिससे महाराष्ट्र में 'वोट चोरी' पर सियासी बहस तेज हो गई है. बीएमसी ने खुलासा किया है कि शहर की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में एक ही वोटर का नाम 103 बार दर्ज पाया गया. 1.03 करोड़ कुल मतदाताओं में से 4.33 लाख लोगों को कई बार रजिस्टर किया गया है, जिससे कुल नकल एंट्री की तादाद करीब 11 लाख तक पहुंच सकती है. हालांकि, बीएमसी ने साफ किया है कि एक शख्स सिर्फ एक ही वोट डाल सकेगा.
इस उथल-पुथल के बीच, मुंबई यूथ कांग्रेस ने संविधान दिवस पर एक रिटायर्ड अधिकारी एके गौतम के घर के बाहर संविधान की प्रस्तावना पढ़कर विरोध की कोशिश किया.
हालांकि, पुलिस ने MYC के अधिकारियों को हिरासत में ले लिया. शिव सेना (यूबीटी) ने चुनाव आयोग पर निशाना साधा है, जबकि बीजेपी ने इस दोहराव को मामूली बताया है.
बीएमसी कर रही सुधार की कोशिश
बीएमसी ने कहा कि भले ही एक नाम कई बार रजिस्टर्ड हो, शख्स को सिर्फ एक ही वोट डालने की छूट होगी. इस समस्या के समाधान के लिए, नागरिक प्रशासन 23 नवंबर से 5 दिसंबर तक एक विशेष अभियान शुरू कर रहा है, जिससे वोटर लिस्ट से नकल एंट्री को हटाया जा सके.
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विपक्षी दलों का तीखा हमला
शिव सेना (यूबीटी) के प्रवक्ता आनंद दुबे ने चुनाव आयोग (EC) पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने आरोप लगाया कि जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे धांधली बढ़ रही है. उन्होंने चेतावनी दी है कि चुनावों में धांधली की कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी. वहीं, मुंबई बीजेपी चीफ अमित सातम ने इस मुद्दे को मामूली बताते हुए कहा कि दोहराव एक आवर्ती समस्या है, जिसे चुनाव आयोग SIR जैसी पहलों से ठीक करने की कोशिश कर रहा है.
वंचित बहुजन अघाड़ी के प्रमुख प्रकाश अंबेडकर ने विपक्षी दलों से सवाल किया कि वे सिर्फ शिकायत करने के बजाय धांधली के सबूतों के साथ कोर्ट का रुख क्यों नहीं कर रहे हैं.
ऋत्विक भालेकर