मुंबई बारिश: BMC पर उठ रहे सवालों पर बोली शिवसेना- कोई कुछ नहीं कर सकता था

विपक्ष पर आरोप लगाते हुए शिवसेना ने लिखा, 'विपक्ष इसके लिए शिवसेना और बीएमसी को जिम्मेदार ठहराता रहता है. उन्हें शिवसेना से एलर्जी है. सरकार ने घटना में मरने वाले 5 लाख रुपये के मुआवजे की भी घोषणा की. हालांकि हर समय केवल बीएमसी को दोषी ठहराया जाता है.'

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भारी बारिश से मुंबई-पुणे में कोहराम मचा है (ANI) भारी बारिश से मुंबई-पुणे में कोहराम मचा है (ANI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 03 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 10:38 AM IST

भागती दौड़ती मुंबई तैर रही है. इसके साथ ही मानसून की शुरुआती बारिश से ही बृहन्न मुंबई कॉरपोरेशन (बीएमसी) के दावे भी पानी में तैरने लगे हैं. बावजूद इसके शिवसेना ने अपने मुख पत्र सामना में लिखा कि बारिश बहुत भारी थी और इसलिए कोई कुछ नहीं कर सकता था. साथ ही शिवसेना ने इसके लिए पिछली कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया.

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शिवसेना ने लिखा, 'पूरे महीने की बारिश सिर्फ दो दिनों में हुई. यह 24 घंटे में दर्ज की गई तीसरी सबसे अधिक बारिश थी. मुंबई में 400 मिमी से अधिक बारिश हुई. मलाड में तेज बारिश के कारण दीवार गिरने की घटना हुई, जिसमें 22 लोगों की मौत हो गई. इस मामले में जांच होनी चाहिए.' विपक्ष पर आरोप लगाते हुए शिवसेना ने लिखा, 'विपक्ष इसके लिए शिवसेना और बीएमसी को जिम्मेदार ठहराता रहता है. उन्हें शिवसेना से एलर्जी है. सरकार ने घटना में मरने वाले 5 लाख रुपये के मुआवजे की भी घोषणा की. हालांकि हर समय केवल बीएमसी को दोषी ठहराया जाता है.'

शिवसेना ने सामना में लिखा, 'मुंबई में जो कुछ भी होता है, उसके लिए शिवसेना और बीएमसी को दोषी ठहराया जाता है. यह अब फैशन बन गया है. हम भाग्यशाली हैं कि विपक्ष ने अभी भी यह नहीं कहा है कि हमने पिछले दो दिनों से मुंबई में इतनी भारी बारिश कराई.' महाराष्ट्र में पिछले कुछ दिनों से जारी मूसलाधार बारिश से अब तक 33 लोगों की मौत हो चुकी है और 75 लोग घायल हो गए हैं. इनमें मुंबई, ठाणे और पुणे में दीवार गिरने से मरने वालों की संख्या भी शामिल है. प्रदेश सरकार ने एहतियातन मुंबई में मंगलवार को सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया है.

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अधिकारियों के अनुसार, मलाड उपनगर में पिंपरीपाड़ा में एक स्कूल के अहाते की दीवार उससे सटकर बनीं कुछ झोपड़ियां पर गिर गई थी जिससे 13 लोगों की मौत हो गई थी. इस हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर अब 19 हो गई है. राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), मुंबई अग्निशमन और अन्य एजेंसियों ने मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए व्यापक बचाव अभियान चलाया.

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य विधानसभा को बताया कि मुंबई में साल 1974 के बाद 24 घंटों में हुई सर्वाधिक बारिश में लगभग 75 लोग घायल हुए हैं. इससे पहले मंगलवार को पुणे के सिंहगढ़ कॉलेज के अहाते की दीवार उससे सटी झोपड़ियों पर गिरने से सात लोगों की मौत हो गई थी. सोमवार रात मलाड उपनगर में बाढ़ में फंसे एक वाहन में फंसे दो लोग मंगलवार को मृत पाए गए. पास में लगे ठाणे जिले के कल्याण कस्बे में राष्ट्रीय उर्दू विद्यालय की चाहरदीवारी गिरने से तीन लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए. इसके अलावा जवाहर में दो लोग बाढ़ में उफनती नदी में बह गए.

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