देश भर में कोरोना संकट की दूसरी लहर में मौतों के आंकड़े तेजी से बढ़े. जहां देश में एक दिन में कोरोना के मामले तीन लाख से भी ऊपर गए. वहीं महाराष्ट्र में भी कोरोना की दहशत लोगों पर हावी रही. इसमें भी सबसे चिंताजनक स्थिति तब बनी जब कोरोना ने एशिया की सबसे बड़ी स्लम कॉलोनी धारावी में अपने पांव पसारे. धारावी में कोरोना के केस बढ़ना राज्य सरकार के लिए अपने आप में एक चुनौती रहा. लेकिन अब यहां से राहत भरी खबर सामने आ रही है.
कोरोना की दूसरी लहर में पहली बार, धारावी में जीरो मामले दर्ज किए हैं. पिछले चौबीस घंटे में यहां से एक भी कोरोना का मरीज नहीं मिला है. जानकारी के मुताबिक धारावी में अब तक 6861 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 13 सक्रिय मामले हैं.
वहीं कोरोना के खिलाफ राज्य में वैक्सीनेशन अभियान भी तेजी से चल रहा है. लेकिन अभी तक बहुत से लोग ऐसे हैं जो वैक्सीन को लेकर भ्रमित हैं और टीका नहीं ले रहे हैं. इसी के चलते धारावी के लोगों में भी कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर हिचकिचाहट है.
वैक्सीन नहीं लगवा रहे लोग
एशिया की सबसे बड़ी स्लम कॉलोनी धारावी, बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) और महाराष्ट्र सरकार के लिए कोरोना महामारी की शुरुआत से ही चिंता का सबब बनी हुई है. हालांकि यहां के लोगों को जागरुक करने के लिए बीएमसी ने कई पहल की हैं. उन्होंने अवेयरनेस के कई प्रोगाम चलाए हैं. इसके बावजूद मुंबई का यह बड़ा हिस्सा अज्ञानता की वजह से कोरोना वैक्सीन से दूर है.
धारावी की एक स्थानीय महिला ने बताया, 'यूपी में मेरे एक परिचित ने वैक्सीन लगवाई और अगले ही दिन उसकी मौत हो गई. ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने वैक्सीन ले ली है. इसके बावजूद वो मर रहे हैं. अगर आप डिटेल चाहते हैं तो मैं आपको वो सारे नाम और पता बताने को तैयार हूं. यह वैक्सीन आदमी की जान ले रही है. मैंने या मेरे परिवार के किसी भी सदस्य ने अब तक इसी वजह से वैक्सीन नहीं ली है.' ताज्जुब की बात यह है कि 30 वर्षीय इस महिला ने चेहरे पर मास्क भी नहीं लगाया था.
मुस्तफा शेख