सोमवार की वो रात... घड़ी में करीब 9:30 बजे थे. दिनभर की हाड़-तोड़ मेहनत के बाद लोग अपने घर की ओर बढ़ रहे थे. किसी के हाथ में सब्जी था, तो किसी के मन में घर जाकर अपनों के साथ सुकून से खाना खाने की आस. लेकिन भांडुप रेलवे स्टेशन के बाहर उस वक्त मातम पसर गया, जब लाल रंग की एक 'बेस्ट' बस काल बनकर आई और पलक झपकते ही 13 लोगों को अपनी चपेट में ले लिया.
बेबसी की चीखें और खून से सनी सड़कें
चश्मदीदों का कहना है कि मंजर इतना खौफनाक था कि रूह कांप जाए. खाली बस अचानक बेकाबू हुई और सामने खड़े लोगों को खिलौनों की तरह कुचलती चली गई. कुछ लोग बस के पहियों के नीचे दबकर तड़प रहे थे, तो कुछ दूर जा गिरे. इस हादसे में 3 महिलाएं और 1 पुरुष ने अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया. जबकि 9 लोग इस वक्त जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे हैं. सड़क पर बिखरी चप्पलें, टूटे हुए डिब्बे और खून के धब्बे उस बेबसी की गवाही दे रहे थे, जो कल रात भांडुप ने झेली. स्टेशन रोड जो चंद मिनट पहले भीड़ की चहल-पहल से गुलजार था, वह अचानक 'चीख पुकार और मातम' में तब्दील हो गया.
गुस्से का उबाल, ड्राइवर को भीड़ ने घेरा
हादसे के बाद इलाके में अफरातफरी मच गई. अपनों को खोने का गम और प्रशासन की लापरवाही देख लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. गुस्साई भीड़ ने बस ड्राइवर को मौके पर ही पकड़ लिया और उसकी जमकर पिटाई कर दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने बमुश्किल ड्राइवर को हिरासत में लेकर भीड़ से बचाया.
जांच के घेरे में 'रफ्तार'
जोन 7 के डीसीपी हेमराज सिंह राजपूत ने बताया कि ड्राइवर को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. पुलिस अब सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है ताकि ये साफ हो सके कि क्या यह ब्रेक फेल होने का मामला था या ड्राइवर की कोई बड़ी लापरवाही. फिलहाल हादसे के बाद घंटों तक स्टेशन रोड को बंद रखना पड़ा. जांच के लिये फोरेंसिक टीम को भी बुलाया गया.
उजड़ गए 4 परिवार
कुछ महीने पहले कुर्ला पश्चिम इलाके में भी ऐसी ही घटना हुई थी. जिसमे कई लोगों की जान चली गयी थी, और दर्ज़नो लोग घायल हुए थे, बार-बार होते ये हादसे सवाल खड़े करते हैं कि क्या मुंबई की सड़कों पर आम आदमी की जान की कोई कीमत नहीं है? 4 घर उजड़ गए, 9 परिवारों की उम्मीदें अस्पताल के आईसीयू (ICU) के बाहर टिकी हैं. इस हादसे ने एक बार फिर पूरी मुंबई को झकझोर कर रख दिया है. प्रशासन अब जांच की बात कर रहा है, लेकिन उन 4 परिवारों के पास अब सिर्फ उनकी यादें बाकी हैं.
मोहम्मद एजाज खान