दादरा और नगर हवेली लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय सांसद मोहन डेलकर की मौत के मामले में मुंबई के मरीन ड्राइव थाने में एफआईआर (FIR) दर्ज की गई. इस एफआईआर में गुजरात सरकार में मंत्री रहे प्रफुल्ल खेड़ा पटेल समेत 9 और लोगों का नाम शामिल है. ये केस मोहन डेलकर को आत्महत्या के लिए उकसाने, जबरन वसूली समेत कई धाराओं में दर्ज किया गया.
बता दें कि वर्तमान में प्रफुल्ल खेड़ा पटेल दादरा और नगर हवेली के प्रशासक हैं. वह गुजरात सरकार में मंत्री (Mos Home) भी रह चुके हैं. मोहन डेलकर के बेटे अभिनव की शिकायत और बयानों के आधार पर 9 मार्च को पटेल समेत 9 अन्य लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई.
उधर, लोकसभा में भी डेलकर की मौत का मुद्दा उठा. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की सांसद सुप्रिया सुले के नेतृत्व में अन्य विपक्षी दलों के सांसदों ने बुधवार (9 मार्च) को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला से मुलाकात की. उन्होंने दादरा और नगर हवेली के दिवंगत निर्दलीय सांसद मोहन डेलकर द्वारा स्थानीय प्रशासन के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच संसद की विशेषाधिकार समिति से कराने की मांग की.
सुप्रिया सुले के साथ कांग्रेस, शिवसेना, तृणमूल कांग्रेस, सपा और बसपा ने भी मोहन डेलकर के आरोपों की जांच प्रिवलेज कमेटी से कराने की मांग रखी.
मालूम हो कि मोहन डेलकर दक्षिण मुंबई के एक होटल में मृत पाए गए थे. उनके कमरे से 15 पन्नों का एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है. डेलकर के सुसाइड नोट में कई लोगों के नाम हैं.
इससे पहले डेलकर की पत्नी और बेटे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात की. मामले में महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने घोषणा की है कि डेलकर की कथित आत्महत्या की जांच SIT करेगा.
दिव्येश सिंह