महाराष्ट्र में चल रहे भाषा विवाद के बीच बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के बयान ने एक नया राजनीतिक भूचाल खड़ा कर दिया है. राज ठाकरे के 'मारो लेकिन वीडियो मत बनाओ' वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए दुबे ने न सिर्फ राज और उद्धव ठाकरे पर 'सस्ती राजनीति' करने का आरोप लगाया, बल्कि कहा कि ये लोग 'हमारी कमाई पर पलते हैं. इनके पास कौन सी इंडस्ट्री है?'
निशिकांत दुबे ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) और शिवसेना (उद्धव गुट) को खुली चुनौती देते हुए कहा था, 'अगर आपमें हिम्मत है और हिंदी बोलने वालों को मार सकते हो, तो जाकर उर्दू, तमिल और तेलुगू बोलने वालों को भी मारो. अगर खुद को इतना बड़ा बॉस समझते हो, तो महाराष्ट्र से बाहर आओ... बिहार, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में आओ, तुम्हें पटक-पटक कर मारेंगे.'
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फडणवीस ने किया बयान से किनारा
दुबे के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि 'निशिकांत दुबे का बयान आम मराठी लोगों के लिए नहीं, बल्कि उन संगठनों के खिलाफ है जिन्होंने विवाद को हवा दी. उन्होंने माना कि निशिकांत दुबे का बयान पूरी तरह सही नहीं है और इससे विभिन्न तरह की राय पैदा होती है. मराठी लोगों का योगदान अतुलनीय है. विदेशी आक्रमणों के बावजूद मराठियों ने स्वतंत्रता की लौ को जलाए रखा.'
संजय राउत ने दी चेतावनी
शिवसेना (उद्धव गुट) के सांसद संजय राउत ने बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'कौन है दुबे? महाराष्ट्र के हिंदीभाषी नेताओं को दुबे की निंदा करनी चाहिए. बीजेपी का सांसद मराठी लोगों के बारे में घटिया बात कर रहा था और फडणवीस सरकार चुप है. एकनाथ शिंदे खुद को नेता मानते हैं. दाढ़ी पर अपना हाथ घुमाते हैं. या तो शिंदे निशिकांत दुबे के बयान का खंडन करें या फिर अपनी दाढ़ी काट लें या फिर हम उनकी दाढ़ी काट देंगे. इस्तीफा दे दो अगर मर्द हो तो.'
कांग्रेस ने भी साधा निशाना
कांग्रेस नेता नाना पटोले ने कहा, 'उन्हें महाराष्ट्र और मराठी लोगों को अपमानित करने का कोई हक नहीं है. उनकी अपनी सरकार है, तो क्या बीजेपी हर राज्य में अलग-अलग कहानियां बनाएगी? शिवाजी महाराज ने हर धर्म और जाति को न्याय दिया. हम महाराष्ट्र पर उंगली उठाने नहीं देंगे.'
बीजेपी के भीतर भी असहमति
बीजेपी के महाराष्ट्र मंत्री आशीष शेलार ने विधानसभा में कहा, 'एक मुद्दे पर स्पष्टीकरण की जरूरत है. मैं उस व्यक्ति का नाम नहीं लूंगा. वह झारखंड से सांसद हैं. हर कोई कानूनी दायरे में अपनी राय रख सकता है. कोई भी व्यक्ति मराठी लोगों की काबिलियत पर सवाल न उठाए. पूरे देश को पता है महाराष्ट्र का जीडीपी में योगदान कितना बड़ा है. अगर किसी को आंकड़े चाहिए, तो हम भेज देंगे.'
शिंदे गुट ने भी जताई आपत्ति
शिंदे गुट के मंत्री योगेश कदम ने कहा, 'ऐसी अकड़ नहीं चलेगी. इस तरह के बयान हम नहीं सहेंगे. वो सांसद हैं, चार बार जीते हैं, लेकिन इस तरह के बयान उन्हें शोभा नहीं देते.'
निरहुआ ने दी खुली चुनौती
भाषा विवाद को लेकर बीजेपी सांसद दिनेश लाल यादव ने कहा, 'यह देश में कहीं भी नहीं होना चाहिए. यह देश भाषाओं और संस्कृतियों में विविध है, फिर भी एकता में विश्वास रखता है. जो लोग घटिया राजनीति करते हैं, उन्हें सतर्क रहना चाहिए. मैं मराठी नहीं बोलता, फिर भी खुली चुनौती देता हूं- अगर दम है तो मुझे महाराष्ट्र से निकालकर दिखाओ.'
उनके बयान पर योगेश कदम ने चेतावनी देते हुए कहा, 'आज महाराष्ट्र में मराठी को प्राथमिकता दी जा रही है, लेकिन किसी अन्य भाषा का अपमान नहीं किया गया.' निरहुआ के बयान पर उन्होंने कहा, 'हमारे शिवसैनिकों बिल्कुल इसमें दखल देंगे. अगर हमारे शिवसैनिको के पास उनका (निरहुआ) एड्रेस नहीं होगा तो हम उनको दे देंगे.'
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