मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में कराए गए एडमिट

मनोज जरांगे हाल के महीनों में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर लगातार सक्रिय रहे हैं. डॉक्टरों के अनुसार, उन्हें ऊपरी श्वसन तंत्र संक्रमण (अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन) की शिकायत है. फिलहाल उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है और इलाज जारी है.

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अस्पताल में भर्ती होने की खबर फैलते ही उनके समर्थकों और मराठा समुदाय के लोगों में चिंता का माहौल देखा गया. (File Photo: PTI) अस्पताल में भर्ती होने की खबर फैलते ही उनके समर्थकों और मराठा समुदाय के लोगों में चिंता का माहौल देखा गया. (File Photo: PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 27 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:17 PM IST

मराठा आरक्षण आंदोलन के प्रमुख नेता मनोज जरांगे को शनिवार को स्वास्थ्य बिगड़ने के बाद छत्रपति संभाजीनगर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. डॉक्टरों के अनुसार, उन्हें ऊपरी श्वसन तंत्र संक्रमण (अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन) की शिकायत है. फिलहाल उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है और इलाज जारी है.

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक जरांगे का इलाज कर रहे डॉक्टर विंदो चव्हाण ने बताया कि उन्हें बुखार, नाक बहना, पूरे शरीर में दर्द, गले में जकड़न, गले में संक्रमण और ऊपरी श्वसन तंत्र संक्रमण के लक्षण पाए गए हैं. शनिवार को तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल लाया गया, जहां चिकित्सकों ने प्राथमिक जांच के बाद भर्ती करने का फैसला लिया.

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डॉक्टर चव्हाण ने कहा, “मनोज जरांगे का इलाज शुरू कर दिया गया है. एहतियात के तौर पर कुछ जरूरी रक्त जांच कराई गई हैं, जिनकी रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है. रिपोर्ट आने के बाद आगे की चिकित्सा प्रक्रिया तय की जाएगी.” उन्होंने यह भी बताया कि फिलहाल घबराने जैसी कोई बात नहीं है, लेकिन संक्रमण को देखते हुए चिकित्सकीय निगरानी जरूरी है.

बता दें कि मनोज जरांगे हाल के महीनों में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर लगातार सक्रिय रहे हैं. उन्होंने राज्यभर में आंदोलन, सभाएं और अनशन कर सरकार पर मराठा समुदाय को आरक्षण देने का दबाव बनाया है. लंबे समय से आंदोलन की अगुवाई कर रहे जरांगे के लगातार दौरे, सभाएं और अनिश्चित दिनचर्या के चलते उनकी सेहत पर असर पड़ने की आशंका भी जताई जा रही है.

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अस्पताल में भर्ती होने की खबर फैलते ही उनके समर्थकों और मराठा समुदाय के लोगों में चिंता का माहौल देखा गया. बड़ी संख्या में समर्थक अस्पताल के बाहर एकत्र हो गए और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की. वहीं, आंदोलन से जुड़े नेताओं ने भी जरांगे से मिलने और उनका हालचाल जानने की कोशिश की.

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