बालासाहेब थोराट को महाराष्ट्र कांग्रेस का नया अध्यक्ष बनाया गया है. उनकी नियुक्ति की औपचारिक घोषणा जल्द हो सकती है. मौजूदा अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद अपना इस्तीफा सौंपा था. चव्हाण खुद नांदेड़ से हार गए थे. अहमदनगर जिले में संगमनेर से 2009 में विधायक बने बालासाहेब थोराट दुग्ध सहकारी आंदोलन में योगदान के लिए भी जाने जाते हैं.
गौरतलब है कि लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के बाद कई प्रदेश अध्यक्षों ने सामूहिक तौर पर इस्तीफा दिया. इनमें महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चह्वाण भी शामिल थे. इसके अलावा झारखंड, असम और पंजाब के अध्यक्षों ने भी इस्तीफा दिया.
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने हैं और कांग्रेस वहां बीजेपी और शिवसेना को चुनौती देना चाहती है. इसके लिए पार्टी में बड़े बदलाव की तैयारी है. महाराष्ट्र में कांग्रेस की बिगड़ती हालत का फायदा सबसे ज्यादा बीजेपी को मिला है और कभी कमजोर रही बीजेपी लोकसभा से लेकर विधानसभा तक में अच्छा कर रही है.
बालासाहेब थोराट को अभी हाल में विधायक दल का नेता चुना गया है. राधाकृष्ण विखे पाटिल के इस्तीफे के बाद उन्हें यह पद दिया गया. थोराट यूपीए की सरकार में कृषि और राजस्व मंत्रालय का जिम्मा संभाल चुके हैं. साल 2009 में थोराट अहमदनगर जिले के संगमनेर से विधायक चुने जाने के बाद अपने विधानसभा क्षेत्र में कई सहकारी शिक्षण संस्थान शुरू कर चुके हैं. दुग्ध सहकारी संस्थानों के आंदोलन में भी उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई है.
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने गुरुदासपुर सीट पर अभिनेता सन्नी देओल के हाथों हारने की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अपना इस्तीफा भेजा. कांग्रेस ने वैसे पंजाब की 13 में से आठ सीटें जीत कर अच्छा प्रदर्शन किया था. कांग्रेस की झारखंड इकाई के अध्यक्ष अजय कुमार ने भी इस्तीफा दे दिया. पार्टी राज्य में मात्र एक सीट जीत पाई है, जहां इसने झामुमो, आरजेडी और अन्य दलों के साथ गठबंधन किया था.
पार्टी ने सिंहभूम सीट पर जीत दर्ज कराई, जबकि खूंटी सीट 1,445 मतों से और लोहरदगा 10,363 वोटों से हार गई. पार्टी की असम इकाई के अध्यक्ष रिपुन बोरा ने भी राज्य में पार्टी की सीटें न बढ़ने की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया. पार्टी पिछले चुनाव में भी तीन सीटें जीती थी और इस चुनाव में भी तीन सीटें ही जीत पाई.
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