Maharashtra Nagar Panchayat Election: बीजेपी बनी सबसे बड़ी पार्टी, महा विकास अघाड़ी का गठबंधन रहा आगे

Maharashtra Nagar Panchayat Election में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. लेकिन बात जब गठबंधन की आती है तो महा विकास अघाड़ी काफी आगे निकल गया है. इस चुनाव में कई बड़े चेहरों को भी हार का सामना करना पड़ा है.

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Maharashtra Nagar Panchayat Election के नतीजे ( गैटी इमेज) Maharashtra Nagar Panchayat Election के नतीजे ( गैटी इमेज)

कमलेश सुतार

  • मुंबई,
  • 20 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 10:52 AM IST
  • बीजेपी को फायदा, महा विकास अघाड़ी का अच्छा प्रदर्शन
  • बड़े मंत्रियों के क्षेत्र में दिखी हार, बीजेपी-कांग्रेस दोनों फेल
  • नौजवानों का रहा दबदबा, कई क्षेत्रों में बनाई अपनी पकड़

महाराष्ट्र के नगर पंचायत चुनाव में भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ा दल बनकर उभरी है. 106 में से 97 नगर पंचायत के नतीजे घोषित हो चुके हैं. उसमें एनसीपी के खाते में 27, बीजेपी के खाते में 22, कांग्रेस के खाते में 21 और शिवसेना को 17 सीटें मिली हैं. लेकिन बात जब प्रत्याशियों की आती है तो भाजपा के कुल 384 उम्मीदवार जीते हैं. दूसरे नंबर पर एनसीपी है जिसके 344 उम्मीदवार जीते हैं और कांग्रेस के 316 जीत पाए हैं.

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चुनावी नतीजों पर एक नजर

अब ये चुनाव इसलिए मायने रखते हैं क्योंकि कुछ समय पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 27 ओबीसी आरक्षण इस चुनाव में नहीं दिया जा सकता है और सभी सीटों पर जनरल कैटेगरी के तहत ही मतदान करवाए जाएंगे. अब एक बार के लिए इस पूरे चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है, लेकिन बात जब पूरे महा विकास अघाड़ी की आती है तो यहां पर उनकी कुल सीटें बीजेपी से कई ज्यादा हैं. अगर बीजेपी की टैली 384 पर आकर रुकी है तो महा विकास अघाड़ी का आंकड़ा 944 तक गया है.

कहां से कौन रहा है आगे?

बात अगर अलग-अलग क्षेत्रों की करें तो मराठवाड़ा में कुल 22 पंचायत हैं और इसमें बीजेपी के खाते में 6 गई हैं. शिवसेना ने यहां से चार पंचायत निकाली हैं, कांग्रेस ने तीन और एनसीपी को सिर्फ 2 मिल पाई हैं. वहीं विदर्भ की बात करें तो वहां की 28 पंचायतों में से बीजेपी और कांग्रेस ने 5 सीट अपने नाम की हैं, एनसीपी को दो मिल गई हैं और शिवसेना का खाता भी नहीं खुला है. इससे आगे बढ़ें तो कोंकण और पश्चिमी महाराष्ट्र में बीजेपी ने पांच पंचायत जीती हैं, शिवसेना ने यहां से चार निकाली हैं,  NCP के खाते में 8 गई हैं और कांग्रेस को सिर्फ एक से संतुष्ट करना पड़ा है.

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जलगांव में कौन जीता है?

वहीं जलगांव जिले में बोदवड को एकनाथ खडसे का गढ़ माना जाता है, इसलिए इस पर राज्य का फोकस था, लेकिन नगर पंचायत चुनाव में शिवसेना के नए विधायक चंद्रकांत पाटिल ने एकनाथ खडसे को पूरी तरह मात दी है. बोदवड नगर पंचायत में शिवसेना ने 17 में से 09 सीटों पर जीत हासिल कर स्पष्ट बहुमत हासिल किया है. राकांपा में शामिल होने के बाद से एकनाथ खड़से का यह पहला चुनाव था और राजनीतिक विश्लेषकों का अनुमान है कि इस चुनाव में खडसे की हार से जिले में एक नया राजनीतिक समीकरण बनेगा.

23 साल का ये नौजवान कौन?

वैसे इस चुनाव के दौरान 23 वर्षीय रोहित पाटिल भी खूब सुर्खियों में रहे हैं. पूर्व गृह मंत्री आर आर पाटिल के बेटे रोहित ने पश्चिमी महाराष्ट्र के कवठे महाकाल नगर पंचायत से अपनी जोरदार जीत दर्ज की है. यहां से जीतना रोहित के लिए इसलिए चुनौती था क्योंकि बीजेपी का स्थानीय गठबंधन मजबूत था, कांग्रेस भी खिलाफ में ही खड़ी थी और एनसीपी का एक वर्ग भी उनकी उम्मीदवारी के खिलाफ था. लेकिन उन्होंने हर चुनौती को पार करते हुए 23 साल की उम्र में जीत हासिल की.

अब एक नौजवान ने अपनी रणनीति से जीता है तो महाराष्ट्र के कई ऐसे बड़े नेता भी रहे जिन्हें अपने क्षेत्रों से झटका लगा है. धडगाव नगर पंचायत कांग्रेस के हाथ से छिटक गई है. यहां से शिवसेना ने बाजी मारी है. ये इसलिए मायने रखता है क्योंकि इस क्षेत्र में कांग्रेस के आदिवासी विकास मंत्री KC Padavi की मजबूत पकड़ है. सांगली जिले के कडेगांव नगर पंचायत में बीजेपी ने जीत हासिल की है, वहीं कृषि राज्य मंत्री विश्वजीत कदम की यहां से हार हो गई है. वैसे बीजेपी के दिग्गज नेता नारायण राणे के गढ़ में भी सेंधमारी हुई है. वहां पर शिवसेना ने जीत हासिल कर ली है.

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नेताओं ने क्या कहा है?

इन नतीजों पर हर पार्टी अपनी जीत के दावे कर रही है. बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि इस पूरे चुनाव के दौरान महा विकास अघाड़ी ने पैसों का, सत्ता का पूरा दुरुपयोग किया था. लेकिन फिर भी बीजेपी 30 MCs में पॉवर में आ गई है. फडणवीस ने कहा है कि महाराष्ट्र में बीजेपी फिर नंबर वन पार्टी बन गई है. वहीं एनसीपी के जयंत पाटिल ने भी जोरदार हमला किया है. उनके मुताबिक ये नतीजे उन लोगों के चेहरे पर थप्पड़ है जो कहते थे कि एनसीपी की उपस्थिति सिर्फ दो-तीन जिलों तक सीमित है.

व्येंकटेश दुडमवार और मनीष जोग के इनपुट के साथ

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